नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) घरेलू बचत को वायदा और विकल्प (एफएंडओ) कारोबार में निवेश करने के प्रति आगाह करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने शनिवार को कहा कि एफएंडओ कारोबार में छोटे निवेश पर फिर से विचार करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि इस कारोबार में अलग तरह की वित्तीय साक्षरता की आवश्यकता होती है।
नागेश्वरन ने सीआईआई के वार्षिक कारोबारी सम्मेलन, 2024 में कहा कि जब भी वित्तीय क्षेत्र का विकास, राष्ट्रीय विकास से पहले हुआ है, तो ऐसे देशों के लिए नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं।
उन्होंने कहा, ”एशियाई संकट 1997-98 इसका एक बहुत महत्वपूर्ण उदाहरण है।”
सीईए ने कहा, ”जब हम इस तथ्य पर गर्व करते हैं कि हमारे पास वायदा और विकल्प (एफएंडओ) में दुनिया की सबसे बड़ी कारोबारी मात्रा है, तो हमें खुद से पूछने की जरूरत है कि यह प्रगति का संकेत है या चिंता का संकेत है।”
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पूंजी बाजार उन क्षेत्रों में बढ़े, जहां हम वास्तव में भारतीय घरेलू बचत का उपयोग उत्पादक उद्देश्यों के लिए कर सकते हैं।
नागेश्वरन ने कहा, ”वायदा और विकल्प में छोटी राशि के निवेश पर हमें पुनर्विचार करने की जरूरत है, क्योंकि इसके लिए जरूरी वित्तीय साक्षरता बहुत अलग है।”
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में शुद्ध घरेलू बचत तीन वर्षों में नौ लाख करोड़ रुपये घटकर 14.16 लाख करोड़ रुपये रह गई है। इस दौरान शेयर बाजार और म्यूचुअल फंडों में निवेश तेजी से बढ़ा है।
भाषा पाण्डेय
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