नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) एचएफसीएल ने सोमवार को कहा कि वह भारत की एकमात्र ऑप्टिकल फाइबर केबल विनिर्माता है, जिसे यूरोपीय आयोग (ईयू) ने डंपिंग रोधी शुल्क से छूट दी है।
यूरोपीय आयोग के 14 जून, 2024 के फैसले का उल्लेख करते हुए एचएफसीएल ने कहा, ‘‘उक्त निर्णय में यह तय किया गया है कि एचएफसीएल एकमात्र भारतीय कंपनी है, जो यूरोपीय बाजारों में ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) की डंपिंग में शामिल नहीं है।’’
कंपनी ने कहा कि यूरोपीय आयोग ने अन्य सभी भारतीय ओएफसी विनिर्माताओं पर डंपिंग-रोधी शुल्क लगाया है।
एचएफसीएल ने बयान में कहा कि यूरोपेकेबल ने तीन अक्टूबर, 2023 को एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि भारत से आयातित ओएफसी को डंप किया जा रहा है और इससे यूरोपीय उद्योग को नुकसान हो रहा है।
इसके बाद यूरोपीय आयोग ने सभी प्रासंगिक भारतीय ओएफसी निर्माताओं के उत्पादों, बुनियादी ढांचे और वित्तीय आंकड़ों की जांच की।
कंपनी ने कहा, ‘‘पूरी जांच के बाद, यूरोपीय आयोग ने जून, 2024 में फैसला सुनाया कि एचएफसीएल समूह के भारतीय निर्यात उत्पाद पर डंपिंग-रोधी शुल्क लागू नहीं होंगे, जिसमें एचएफसीएल लिमिटेड और एचटीएल लिमिटेड शामिल हैं। इनके खिलाफ डंपिंग का कोई सबूत नहीं मिला।’’
एचएफसीएल एक दशक से अधिक समय से यूरोप में काम कर रही है और यूरोप के कई देशों में अग्रणी दूरसंचार कंपनियों के साथ इसका जुड़ाव है।
एचएफसीएल के प्रबंध निदेशक महेंद्र नाहटा ने कहा, ‘‘यह फैसला हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है और यह हमारे निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं और प्रक्रियाओं की पारदर्शिता को दर्शाता है। इससे वैश्विक स्तर पर हमारे ऊपर भरोसे के बारे में भी पता चलता है।’’
भाषा पाण्डेय अजय
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