दीर्घकालिक वृद्धि बनाए रखने के लिए मिशन रूप में सुधार करने की जरूरतः मोदी

दीर्घकालिक वृद्धि बनाए रखने के लिए मिशन रूप में सुधार करने की जरूरतः मोदी

दीर्घकालिक वृद्धि बनाए रखने के लिए मिशन रूप में सुधार करने की जरूरतः मोदी
Modified Date: December 30, 2025 / 08:07 pm IST
Published Date: December 30, 2025 8:07 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दीर्घकालीन आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए मंगलवार को विभिन्न क्षेत्रों में मिशन रूप में सुधार किए जाने की जरूरत पर बल दिया ताकि वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ के संकल्प को पूरा किया जा सके।

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प्रधानमंत्री मोदी ने वित्त वर्ष 2026-27 के केंद्रीय बजट की तैयारियों के संदर्भ में नीति आयोग में जाने-माने अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक के दौरान यह बात कही।

बैठक में मोदी ने वैश्विक स्तर की क्षमताओं के निर्माण और अंतरराष्ट्रीय एकीकरण हासिल करने की जरूरत पर भी बल दिया।

इस संवाद का विषय ‘आत्मनिर्भरता एवं संरचनात्मक रूपांतरण: विकसित भारत के लिए एजेंडा’ था।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की नीति-निर्माण प्रक्रिया और बजट निर्धारण में 2047 के लिए संकल्प को केंद्रीय रूप से रखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश को वैश्विक श्रम शक्ति और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाए रखना जरूरी है।

मोदी ने ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प अब सरकारी नीतियों से इतर आम जन आकांक्षा बन चुका है।

चर्चा के दौरान अर्थशास्त्रियों एवं विशेषज्ञों ने निर्माण और सेवा क्षेत्रों में उत्पादकता और प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के उपायों पर रणनीतिक सुझाव साझा किए।

उन्होंने यह भी कहा कि 2025 के दौरान विविध क्षेत्रों में हुए अभूतपूर्व सुधारों और आने वाले साल में उनके एकीकरण से भारत तेजी से बढ़ती वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखेगा, आधार मजबूत करेगा और नए अवसर खोलेगा।

घरेलू बचत में वृद्धि, मजबूत बुनियादी ढांचे का विकास और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिये संरचनात्मक बदलावों की गति को तेज करना इस चर्चा के केंद्र में रहा।

समूह ने कृत्रिम मेधा (एआई) की भूमिका को विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने वाला उपकरण बताया और भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी संरचना (डीपीआई) को लगातार बढ़ाने पर भी चर्चा की।

बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा एवं शक्तिकांत दास, मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी बी.वी.आर. सुब्रमण्यम और आयोग के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

इसके अलावा कई प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ भी इस बैठक में मौजूद रहे। इनमें पूर्व सीईए शंकर आचार्य, अशोक के. भट्टाचार्य, एन. आर. भानुमूर्ति, पूर्व एमपीसी सदस्य आशिमा गोयल, धर्मकीर्ति जोशी, उमाकांत दास, पिनाकी चक्रवर्ती, इंद्रनील सेन गुप्ता, समीरन चक्रवर्ती, अभिमान दास, राहुल बाजोरिया, मोनिका हलन और सिद्धार्थ सान्याल शामिल थे।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण


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