एनएचएआई को डीपीआर तैयार करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है,कंपनियां नई प्रौद्योगिकी स्वीकार करने को तैयार नहीं:गडकरी

एनएचएआई को डीपीआर तैयार करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है,कंपनियां नई प्रौद्योगिकी स्वीकार करने को तैयार नहीं:गडकरी

एनएचएआई को डीपीआर तैयार करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है,कंपनियां नई प्रौद्योगिकी स्वीकार करने को तैयार नहीं:गडकरी
Modified Date: October 17, 2023 / 01:20 pm IST
Published Date: October 17, 2023 1:20 pm IST

नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि संबंधित कंपनियां नई प्रौद्योगिकी स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि सरकार नई प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित कर रही है।

‘क्रिसिल इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर कॉन्क्लेव 2023’ को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि इस्पात और सीमेंट उद्योग की बड़ी कंपनियां कीमतें बढ़ाने के लिए गुटबंदी कर रही हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘ ..इस्पात उद्योग और सीमेंट उद्योग…जब भी उन्हें मौका मिलता है वे गुट बनाते हैं और कीमतें बढ़ा देते हैं।’’

अपने स्पष्ट विचारों के लिए पहचाने जाने वाले गडकरी ने कहा, ‘‘ एनएचएआई के लिए डीपीआर तैयार करना एक बड़ी समस्या है… किसी भी परियोजना में कहीं भी कोई सटीक डीपीआर नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ डीपीआर बनाते समय वे (डीपीआर बनाने वाली कंपनियां) नई प्रौद्योगिकी, नवाचार, नए शोध को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं और यहां तक ​​कि डीपीआर का मानक इतना कम है कि हर जगह सुधार की अतिरिक्त गुंजाइश है।’’

भारत में उच्च लॉजिस्टिक्स लागत पर उन्होंने बताया कि भारत में लॉजिस्टिक्स लागत 14-16 प्रतिशत है, जबकि चीन में यह 8-10 प्रतिशत है।

भाषा निहारिका

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