गडकरी का कंपनियों से भिन्न ईंधन उपयोग में दक्ष इंजन वाले वाहन बनाने का आग्रह | Gadkari urges companies to build efficient engine vehicles in different fuel use

गडकरी का कंपनियों से भिन्न ईंधन उपयोग में दक्ष इंजन वाले वाहन बनाने का आग्रह

गडकरी का कंपनियों से भिन्न ईंधन उपयोग में दक्ष इंजन वाले वाहन बनाने का आग्रह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:51 PM IST, Published Date : September 4, 2020/1:23 pm IST

नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) वाहन उद्योग को हर संभव समर्थन देने के वादे के साथ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वाहन कंपनियों से देश में अलग-अलग ईंधन के उपयोग में दक्ष इंजन वाले वाहन बनाने का शुक्रवार को आग्रह किया। ताकि सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को मदद और वैकल्पिक ईंधन के उपयोग को बढ़ावा मिल सके।

गडकरी घरेलू वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के 60वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित ‘रीबिल्डिंग द नेशन रिस्पॉन्सिबली’ सम्मेलन में उन्होंने कहा कि वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वाहन कंपनियों को कुछ मानदंडों को पूरा करने पर खुद के पेट्रोल पंप खोलने की अनुमति देने का निर्णय किया है। हालांकि, इसमें उन्हें हरित ईंधन की बिक्री भी करनी होगी।

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उन्होंने कहा कि कार कंपनियां जब बीएस-4 से सीधे बीएस-6 पर आ सकती हैं तो अमेरिका, ब्राजील और कनाडा की तर्ज पर अलग-अलग ईंधन के उपयोग में दक्ष इंजन (फ्लेक्स-फ्यूल इंजन) वाले वाहन भी पेश कर सकती हैं।

गडकरी ने कहा, ‘‘ सरकार ने 250 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य वाली कंपनियों को खुद का पेट्रोल या डीजल पंप खोलने की अनुमति देने का निर्णय किया है, लेकिन इसके लिए एक शर्त होगी कि उन्हें अपने पंपों पर वैकल्पिक ईंधन भी बेचना होगा।’’

उन्होंने कहा कि वैकल्पिक ईंधन में इथेनॉल, मेथनॉल, जैव डीजल, विद्युत चालित वाहन, बायो सीएनजी इत्यादि आते हैं। हमें इन्हें बढ़ावा देना चाहिए। सरकार भी एकीकृत ईंधन रुपरेखा लेकर आएगी।

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गडकरी के पास सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्रालय का भी प्रभार है।

उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य घरेलू वाहन विनिर्माण उद्योग को दुनिया में पहले नंबर का विनिर्माण केंद्र बनाना और वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देकर वार्षिक कच्चे तेल के आयात बिल को करीब सात लाख करोड़ रुपये घटाना है।

गडकरी ने कहा कि बीएमडब्ल्यू, मर्सडीज, हुंदै, होंडा, टोयोटा और सुजुकी जब अमेरिका, कनाडा और ब्राजील के बाजारों के लिए फ्लेक्स-फ्यूल इंजन वाहनों का विनिर्माण कर सकती हैं तो वह इसे यहां क्यों नहीं शुरू करती। उन्होंने वाहन उद्योग से इस दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अधिशेष खाद्यान्न से जैव-ईंधन का उत्पादन बढ़ा रहे हैं। इसलिए मेरा वाहन कंपनियों से निवेदन है कि वे फ्लेक्स-फ्यूल इंजन प्रौद्योगिकी लेकर आएं। यह एक मान्य और स्थापित तननीक है और आपके ब्रांड इसका उपयोग अन्य देशों में कर रहे हैं। वे भारत में इसका उपयोग क्यों नहीं शुरू कर सकते। इस बारे में विचार करें, सिर्फ एक फिल्टर ही तो लगाना है।’

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