ओडिशा के एफपीओ आम, सब्जियों के पहले निर्यात के साथ वैश्विक बाजार में उतरे

ओडिशा के एफपीओ आम, सब्जियों के पहले निर्यात के साथ वैश्विक बाजार में उतरे

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  • Publish Date - May 16, 2024 / 07:15 PM IST,
    Updated On - May 16, 2024 / 07:15 PM IST

नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) ओडिशा से कृषि निर्यात को उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा देने के लिए राज्य में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) ने पहली बार ताजा आम और सब्जियों की वाणिज्यिक निर्यात खेप के साथ वैश्विक बाजारों में अपनी पहुंच बनाई है।

यह उपलब्धि कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), राज्य बागवानी निदेशालय और पैलेडियम के बीच एक रणनीतिक सहयोग के माध्यम से संभव हुई है, जो ‘किसान उत्पादक संगठनों के संवर्धन और स्थिरीकरण (पीएसएफपीओ)’ परियोजना के लिए तकनीकी सहायता इकाई है।

एक बयान में कहा गया है कि 15 मई को बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, भुवनेश्वर से 0.75 टन तक ताजा सब्जियां दुबई को निर्यात की गईं। इसमें ढेंकनाल जिले के एक एफपीओ, मदनमोहन फार्मर्स प्रोड्यूसर कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड द्वारा आपूर्ति की गई 0.5 टन सब्जियां शामिल हैं।

इसके अलावा पिछले कुछ दिन में उसी एफपीओ से 1.22 टन प्रीमियम आम्रपाली और दशहरी किस्म के आम इटली भेजे गए।

इसमें कहा गया है कि इन एफपीओ से जुड़े किसानों को घरेलू बिक्री की तुलना में निर्यात बाजारों में अपनी उपज के लिए 20-30 प्रतिशत अधिक कीमत की प्राप्ति हुई।

इन प्रयासों की सराहना करते हुए एपीडा के क्षेत्रीय प्रमुख सीताकनाता मंडल ने कहा, ‘‘हम इस सत्र में ताजा उपज के निर्यात को सुविधाजनक बनाना चाहते थे। पैलेडियम के साथ हमारी साझेदारी ने इसे संभव बना दिया क्योंकि उन्होंने एफपीओ की पहचान की और उन्हें निर्यातकों के साथ जोड़ा।’’

मंडल ने कहा, ‘‘ओडिशा के एफपीओ को वैश्विक बाजारों से जोड़ने में पैलेडियम द्वारा किया गया काम सराहनीय है।’’

पैलेडियम के एसोसिएट निदेशक बिस्वजीत बेहरा ने कहा कि 800 से अधिक एफपीओ के साथ ओडिशा में दुनियाभर में ताजा कृषि उपज निर्यात करने की अपार क्षमता है।

उन्होंने कहा कि निर्यात आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ बनाए गए बाजार संपर्क से किसानों की आय में वृद्धि होगी और राज्य के एफपीओ के लिए स्थायी व्यापार के अवसर पैदा होंगे।

बेहरा ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य दूरदराज के इलाकों में एफपीओ से जुड़े ऐसे और अधिक वैश्विक बाजार उपलब्ध कराना है और उन्हें अपने संचालन को बढ़ाने के लिए कुशल गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली अपनाने में मदद करना है।’’

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय