अब तक 15 लाख से अधिक संशोधित आईटीआर दाखिलः आयकर विभाग
अब तक 15 लाख से अधिक संशोधित आईटीआर दाखिलः आयकर विभाग
नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) आयकर विभाग ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा आकलन वर्ष 2025-26 के लिए अब तक 15 लाख से अधिक करदाताओं ने संशोधित आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए हैं।
विभाग ने हाल ही में एक अभियान ‘नज’ शुरू किया है, जिसके तहत उन करदाताओं को ईमेल एवं एसएमएस के जरिये सलाह दी जा रही है जिन्होंने गैर मान्यता-प्राप्त राजनीतिक दलों या कुछ धर्मार्थ संस्थाओं से जुड़ी गलत कटौती का दावा किया है।
आयकर विभाग ने बयान में कहा कि चालू वित्त वर्ष में 21 लाख से अधिक करदाताओं ने अपने आईटीआर संशोधित किए और कुल 2,500 करोड़ रुपये का कर भुगतान किया।
विभाग ने करदाताओं से अपील की है कि वे अपने आईटीआर की समीक्षा करें, कटौती और छूट के दावों की सटीकता को जांचें और जरूरी होने पर 31 दिसंबर, 2025 तक संशोधित रिटर्न दाखिल करें, ताकि आगे की जांच से बचा जा सके।
हालांकि, विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई करदाता कानून के अनुरूप सही कटौती या छूट का दावा कर रहा है तो उसे कोई और कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है।
करदाताओं को आकलन वर्ष 2025-26 के लिए रिटर्न में बदलाव करने के लिए 31 दिसंबर के बाद एक अद्यतन आईटीआर दाखिल करना होगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने दिसंबर की शुरुआत में कहा था कि डेटा विश्लेषण से पता चला है कि कई करदाताओं ने गैर मान्यता-प्राप्त राजनीतिक दलों और कुछ धर्मार्थ संस्थाओं को चंदा दिखाकर अवैध कटौती और रिफंड का दावा किया है।
बोर्ड के मुताबिक, इनमें से कई गैर मान्यता-प्राप्त राजनीतिक दल रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं और अपने पंजीकृत पते पर सक्रिय नहीं हैं। वे राजनीतिक गतिविधियों में संलग्न भी नहीं हैं।
सीबीडीटी ने कहा कि ये संस्थाएं अक्सर पैसा इधर-उधर करने, हवाला लेनदेन, विदेश से पैसा भेजने और नकली रसीद जारी करने के लिए इस्तेमाल हो रही थीं।
बोर्ड ने कुछ गैर मान्यता-प्राप्त राजनीतिक दलों और धर्मार्थ ट्रस्ट पर तलाशी अभियान चलाकर नकली दान और कंपनियों द्वारा नकली सीएसआर के सबूत भी जुटाए।
इसके बाद सीबीडीटी ने 12 दिसंबर से ‘नज’ अभियान शुरू किया, जिसमें ईमेल और एसएमएस के माध्यम से उन करदाताओं को सलाह दी गई कि वे अपने कटौती के दावों की समीक्षा करें और जरूरत पड़ने पर रिटर्न संशोधित करें।
आयकर विभाग का कहना है कि यह अभियान कर अनुपालन बढ़ाने और नकली दावा करने वाले करदाताओं की पहचान करने के लिए चलाया गया है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय

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