नीतिगत ब्याज दर में कटौती पर ट्रंप के रुख से पॉवेल असहमत
नीतिगत ब्याज दर में कटौती पर ट्रंप के रुख से पॉवेल असहमत
वाशिंगटन, 24 जून (एपी) अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने मंगलवार को कहा कि नीतिगत ब्याज दर में कटौती के लिए केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था की वृद्धि का इंतजार करना जारी रखेगा।
पॉवेल का यह बयान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से ब्याज दर में तत्काल कटौती किए जाने की मांग के संदर्भ में आया है।
पॉवेल ने सदन की वित्तीय सेवा समिति के समक्ष रखने के लिए तैयार अपनी टिप्पणियों में कहा, ‘फिलहाल हमें अपने नीतिगत रुख में किसी भी समायोजन पर विचार करने से पहले अर्थव्यवस्था के संभावित मार्ग के बारे में अधिक जानने के लिए इंतजार करना होगा।’
पॉवेल को अमेरिकी संसद से जुड़ी सघन पूछताछ का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप लगातार फेडरल रिजर्व से कर्ज की लागत को कम करने का आग्रह कर रहे हैं।
हालांकि पॉवेल को अक्सर केंद्रीय बैंक पर नजर रखने वाली संसदीय समितियों से सकारात्मक रुझान देखने को मिलता रहा है लेकिन ट्रंप के लगातार हमलों के कारण कांग्रेस में उनका समर्थन इस बार कुछ कम हो सकता है।
ट्रंप ने मंगलवार सुबह अपनी सोशल मीडिया साइट पर एक बार फिर नाराजगी जताते हुए कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस वास्तव में इस बहुत ही गूंगे, जिद्दी व्यक्ति को हटाएगी। हम आने वाले कई सालों तक उनकी अक्षमता का भुगतान करेंगे।’
पिछली बार पॉवेल फरवरी में कांग्रेस के समक्ष पेश हुए थे।
फेडरल रिजर्व की 19-सदस्यीय ब्याज दर-निर्धारण समिति यह तय करती है कि कर्ज लेने की लागत में कटौती या वृद्धि की जाए। समिति आमतौर पर मुद्रास्फीति से निपटने के लिए दरों में वृद्धि करती है जबकि अर्थव्यवस्था कमजोर होने पर उधार लेने और खर्च को बढ़ावा देने के लिए दरों में कटौती होती है।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक की समिति ने पिछले सप्ताह सर्वसम्मति से अपनी प्रमुख दर को अपरिवर्तित रखने के लिए मतदान किया था। हालांकि फेडरल रिजर्व ने भविष्य में दर कटौती का पूर्वानुमान भी जारी किया था।
केंद्रीय बैंक ने पिछले साल के अंत में तीन बार नीतिगत दर में कटौती की थी। फिर भी तब से इसने दर में कटौती इस चिंता के चलते नहीं की है कि कई देशों से आयात पर ट्रंप द्वारा लगाए गए उच्च शुल्क से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।
ट्रंप ने सभी आयातों पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाने के साथ ही चीन से माल पर अतिरिक्त 30 प्रतिशत, इस्पात एवं एल्युमीनियम पर 50 प्रतिशत और वाहनों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया हुआ है।
एपी प्रेम प्रेम पाण्डेय
पाण्डेय

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