निजीकरण के खिलाफ कर्मचारी-अधिकारी संगठनों का विरोध तेज, पावर कार्पोरेशन प्रबन्धन ने बातचीत के बुलाया

निजीकरण के खिलाफ कर्मचारी-अधिकारी संगठनों का विरोध तेज, पावर कार्पोरेशन प्रबन्धन ने बातचीत के बुलाया

निजीकरण के खिलाफ कर्मचारी-अधिकारी संगठनों का विरोध तेज, पावर कार्पोरेशन प्रबन्धन ने बातचीत के बुलाया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:47 pm IST
Published Date: October 2, 2020 4:24 pm IST

लखनऊ, दो अक्‍टूबर ( भाषा ) उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्‍ताव के विरोध में विद्युत कर्मचारी-अधिकारी संगठन का विरोध तेज हो गया है। इस मामले को लेकर शुक्रवार को पावर आफिसर्स एसोसिएशन ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया।

उत्‍तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष केबी राम और कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा समेत अन्‍य पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि निजीकरण का कोई भी निर्णय होता है तो पूरे प्रदेश के सभी बिजली निगमों में कार्यरत सभी अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग के अभियन्ता उसी क्षण आन्दोलन पर चले जायेंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार व प्रबन्धन की होगी।

इस बीच, उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन प्रबन्धन ने एसोसिएशन को पत्र लिखकर तीन अक्टूबर को 12 बजे वार्ता के लिए बुलाया है।

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दूसरी तरफ विद्युत कर्मचारी संयुक्‍त संघर्ष समिति इसी मामले को लेकर तीन घंटे का कार्य बहिष्‍कार कर रही है।

विद्युत कर्मचारी संयुक्‍त संघर्ष समिति के शैलेंद्र दुबे समेत अन्‍य पदाधिकारियों ने मुख्‍यमंत्री से प्रबंधन द्वारा अनावश्यक रुप से पैदा किये गये टकराव को टालने हेतु प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने निजीकरण का प्रस्ताव रद्द करने का आग्रह किया है।

उन्‍होंने कहा कि संघर्ष समिति की नोटिस के अनुसार बिजलीकर्मी 3 घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे हैं और 5 अक्टूबर से पूरे दिन का कार्य बहिष्कार किया जायेगा।

पावर आफिसर्स एसोसिएशन के अवधेश वर्मा ने कहा कि प्रस्‍ताव को गंभीरता से लेते हुए एक घंटे बाद ही पावर कार्पोरेशन प्रबन्धन ने एसोसिएशन को पत्र लिखकर तीन अक्टूबर को 12 बजे वार्ता के लिए बुलाया है।

वर्मा ने कहा, ‘‘एसोसिएशन की प्रांतीय कार्यकारिणी ने राज्‍य सरकार और पावर कार्पोरेशन को एक प्रस्‍ताव भेजकर मांग उठाई कि केस्‍को की तर्ज पर पूर्वांचल वितरण निगम को अभियंता सुधार की दिशा में ले जाने के लिए संकल्‍पबद्ध हैं। लक्ष्य के अनुसार 15 प्रतिशत एटी एंड सी (तकनीकी ओर वाणिज्यिक) हानि पूरा करने के लिए संकल्‍प लेते हैं। ऐसे में सरकार निजीकरण के फैसले पर पुन: विचार करे।’’

उन्होंने कहा यह प्रस्ताव पत्र ही आन्दोलन का नोटिस समझा जाये। इसके बाद प्रबंधन ने वार्ता के लिए समय दिया है।

बिजली कर्मचारी संगठनों के नेताओं का कहना है कि सरकार पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को निविदा निकालकर निजी उद्यमियों के हवाले करने की तैयारी कर रही है।

भाषा आनन्‍द नेत्रपाल रमण

रमण


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