पंजाब ने बासमती पर शुल्क दो प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया

पंजाब ने बासमती पर शुल्क दो प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया

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  • Publish Date - September 22, 2020 / 04:22 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:03 PM IST

चंडीगढ़, 22 सितंबर (भाषा) पंजाब सरकार ने बासमती फसल पर बाजार विकास शुल्क और ग्रामीण विकास शुल्क को दो प्रतिशत से घटाकर मंगलवार को प्रत्येक पर एक प्रतिशत कर दिया।

राज्य सरकार ने बासमती व्यापारियों को समान स्तर उपलब्ध कराने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में फसल की प्रतिस्पर्धात्मकता को देखकर यह निर्णय किया है।

आधिकारिक प्रवक्ता के मुताबिक इससे बासमती कारोबारियों और मिल परिचालकों को 100 करोड़ रुपये की राहत पहुंचेगी।

हालांकि, इसके साथ ही यह शर्त भी रखी गयी है कि राज्य से दूसरे देशों को बासमती निर्यात करने पर किसी धान या चावल व्यापारी, मिल परिचालन को किसी तरह के शुल्क वापस मांगने की अनुमति नहीं होगी।

सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पंजाब राइस मिलर्स एंड एक्पोर्टर्स एसोसिएशन और पंजाब बासमती राइस मिलर्स एंड एक्सपोर्टर एसोसिएशन के अनुरोध और पंजाब मंडी बोर्ड के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद यह निर्णय किया है।

एसोसियेसन का कहना था कि बासमती उत्पादक राज्यों के बीच शुल्क और अन्य शुल्कों को मिलाकर चार प्रतिशत का अंतर हो जायेगा। इससे पंजाब में चावल उद्योग आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं रह जायेगा।

उनका कहना था कि ऐसे में उनके लिये हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के चावल निर्यातकों के साथ प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जायेगा। इन राज्यों में कृषि उत्पाद पर बाजार शुल्क से पूरी तरह छूट है।

भाषा

शरद महाबीर

महाबीर