मुंबई, 30 सितंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को रूस-यूक्रेन युद्ध से पैदा हुए चुनौतीपूर्ण वैश्विक भू-राजनीतिक हालात के बीच चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति का असर घरेलू बाजार पर पड़ रहा है।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिये मुद्रास्फीति अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। दूसरी छमाही में इसके करीब छह प्रतिशत रहने का अनुमान है।
दास ने कहा कि तीसरी तिमाही के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 6.5 प्रतिशत और मार्च तिमाही के लिए 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि अगर तेल के दाम में मौजूदा नरमी आगे बनी रही, तो महंगाई से राहत मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि अगस्त में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति सात प्रतिशत थी, जो आरबीआई के संतोषजनक स्तर से ऊपर है। केंद्रीय बैंक को जिम्मेदारी दी गई है कि वह मुद्रास्फीति को 2-6 प्रतिशत के बीच रखे।
अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में खुदरा महंगाई दर पांच फीसदी रहने का अनुमान है।
भाषा पाण्डेय रमण
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