(Reliance Industries, Image Source: Meta AI)
Reliance Industries: रिलायंस इंडस्ट्रीड लिमिटेड ने अपने पहले सोलर पैनल निर्माण यूनिट को चालू कर दिया है। यह यूनिट गुजरात के जामनगर में स्थापित की गई है और यह कंपनी की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत को शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में आगे बढ़ाना है। रिलायंस ने 2021 में 10 अरब डॉलर की योजना की घोषणा की थी, जिसमें रिन्यूएबल एनर्जी, स्टोरेज और हाइड्रोजन शामिल हैं। कंपनी का लक्ष्य 2035 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करना है।
रिलायंस का यह कदम भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है। कंपनी ने निवेशकों को बताया कि उसने सौर पीवी मॉड्यूल की अपनी पहली उत्पादन लाइन शुरू कर दी है। यह कदम भारत के सौर ऊर्जा क्षेत्र में प्रमुख कंपनियों जैसे कि अदाणी समूह, टाटा, वारी एनर्जी और विक्रम सोलर के साथ रिलायंस को जोड़ता है। भारत सरकार ने 2026 तक सभी सौर पैनल को स्थानीय स्तर पर उत्पादित करने का आदेश दिया है, ताकि चीन से आयात पर निर्भरता कम हो सके और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिले।
रिलायंस गुजरात के जामनगर में ‘गीगा फैक्ट्रियां’ बना रही हैं, जहां सौर पैनल, बैटरियां, हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर और ईंधन सेल का उत्पादन होगा। कंपनी ने अपनी क्षमता को 10 गीगावाट प्रति वर्ष के हिसाब से डिजाइन किया है, लेकिन इसे आसानी से 20 गीगावाट तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, रिलायंस बैटरी निर्माण में भी ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां प्रति घंटे 30 गीगावाट की क्षमता पर काम किया जाएगा।
भारत का उद्देश्य 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करना है और रिलायंस का यह कदम उस लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान करेगा। सौर पैनल निर्माण से भारत की घरेलू उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और इससे न केवल ऊर्जा की आपूर्ति में सुधार होगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।