रिलायंस का जर्मनी की नेक्सवेफ में निवेश, डेनमार्क की स्टीसडल के साथ रणनीतिक साझेदारी

रिलायंस का जर्मनी की नेक्सवेफ में निवेश, डेनमार्क की स्टीसडल के साथ रणनीतिक साझेदारी

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  • Publish Date - October 13, 2021 / 11:40 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (भाषा) रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (आरएनईएसएल) ने महत्वपूर्ण साझेदारियों की घोषणा की है। मंगलवार देर रात जारी बयान में आरएनईएसएल ने बताया कि वह जर्मनी की नेक्सवेफ में 2.5 करोड़ यूरो का निवेश करेगी। साथ ही कंपनी ने डेनमार्क की स्टीसडल के साथ रणनीतिक साझेदारी का भी ऐलान किया।

रिलायंस के मुताबिक नेक्सवेफ में निवेश भारतीय बाजार के लिए रणनीतिक साझेदारी के तहत किया गया है।

आरएनईएसएल ने बयान में कहा कि वह नेक्सवेफ के 86,887 सीरीज-सी प्रेफर्ड शेयर 287.73 यूरो प्रति शेयर के हिसाब से खरीदेगी। इसके अलावा आरएनईएसएल को एक यूरो के हिसाब से 36,201 वारंट भी जारी किए जाएंगे।

नेक्सवेफ सेमीकंडक्टर में इस्तेमाल होने वाले मोनोक्रिस्टलाइन सिलिकॉन वेफर्स बनाती है। सेमीकंडक्टर सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में लगाए जाते हैं।

सौदे को लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा, “रिलायंस हमेशा से प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में आगे रहने में विश्वास करती रही है। नेक्सवेफ के साथ हमारी साझेदारी एक बार फिर इस बात की गवाही देती है कि हम भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए सस्ती हरित ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक महत्वाकांक्षी मिशन की शुरुआत कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘नेक्सवेफ में हमारा निवेश, भारत को फोटोवोल्टिक निर्माण में वैश्विक लीडर के तौर पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें विश्वास है कि नेक्सवेफ का अभिनव अल्ट्रा-थिन वेफर, सोलर पैनल निर्माताओं और उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाएगा। रिलायंस के लिए सौर और अन्य प्रकार की नवीकरणीय ऊर्जाओं में हमारा दखल एक व्यावसायिक अवसर से कहीं अधिक बड़ा है। यह पृथ्वी को बचाने और इसे जलवायु संकट से निकालने के वैश्विक मिशन में हमारा योगदान है।’

एक अलग घोषणा में आरआईएल ने कहा कि रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (आरएनईएसएल) ने हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर्स के विकास और निर्माण के लिए स्टीसडल के साथ साझेदारी की है। इस समझौते पर हाल ही में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन की भारत यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। स्टीसडल एक डेनिश कंपनी है, जो जलवायु परिवर्तन को लेकर प्रौद्योगिकियों का विकास करती है।

भाषा प्रणव

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