कृषि श्रमिकों, ग्रामीण कामगारों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में मामूली बढ़ी |

कृषि श्रमिकों, ग्रामीण कामगारों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में मामूली बढ़ी

कृषि श्रमिकों, ग्रामीण कामगारों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में मामूली बढ़ी

:   Modified Date:  November 20, 2023 / 08:51 PM IST, Published Date : November 20, 2023/8:51 pm IST

नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) कृषि श्रमिकों और ग्रामीण कामगारों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में मामूली बढ़कर क्रमश: 7.08 प्रतिशत और 6.92 प्रतिशत रही। मुख्य रूप से खाने के कुछ सामान के महंगा होने से महंगाई बढ़ी है।

इससे एक महीने पहले सितंबर, 2023 में कृषि श्रमिकों के लिये महंगाई दर 6.70 प्रतिशत और ग्रामीण कामगारों के लिये 6.55 प्रतिशत थी।

श्रम मंत्रालय ने सोमवार को बयान में कहा कि पिछले साल अक्टूबर में कृषि श्रमिकों के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-एएल) आधारित मुद्रास्फीति 7.22 प्रतिशत और ग्रामीण कामगारों के लिये 7.34 प्रतिशत थी।

कृषि श्रमिकों के लिये उपभोक्ता खाद्य वस्तुओं की महंगाई 8.42 प्रतिशत और ग्रामीण कामगारों के लिये 8.18 प्रतिशत रही। वहीं इससे पिछले महीने सितंबर में यह क्रमश: 8.06 प्रतिशत और 7.73 प्रतिशत थी। पिछले साल अक्टूबर में यह क्रमश: 7.05 प्रतिशत और 7.0 प्रतिशत थी।

अखिल भारतीय सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल अक्टूबर में क्रमश: 15 अंक और 14 अंक बढ़ा तथा 1,241 अंक और 1,251 अंक रहा।

सितंबर में सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल क्रमश: 1,226 और 1,237 अंक था।

बयान के अनुसार, कृषि श्रमिकों और ग्रामीण कामगारों के सामान्य सूचकांक के बढ़ने में प्रमुख योगदान खाने के सामान का रहा। इसका क्रमशः 13.20 अंक और 12.48 अंक का योगदान रहा। इसका मुख्य कारण चावल, गेहूं का आटा, दाल, सब्जी, दूध, प्याज, हरी मिर्च, मिश्रित मसाले आदि के दाम में तेजी है।

सभी राज्यों में सूचकांक में बढ़ोतरी का रुख रहा है।

कृषि श्रमिकों के मामले में तमिलनाडु 1,427 अंक के साथ सूचकांक में शीर्ष पर है जबकि हिमाचल प्रदेश 960 अंक के साथ सबसे नीचे है।

ग्रामीण मजदूरों के मामले में आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु 1,415 अंक के साथ सूचकांक में शीर्ष पर है। जबकि हिमाचल प्रदेश 1,011 अंक के साथ सबसे नीचे है।

राज्यों में सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल में सबसे ज्यादा वृद्धि जम्मू-कश्मीर में (क्रमश: 32 अंक 29 अंक) रही। वहीं सबसे कम एक-एक अंक की वृद्धि केरल में रही।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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