नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) चुनावी प्रक्रिया में नकदी के व्यापक उपयोग के कारण कांग्रेस ने 2018-19 में आयकर छूट खो दी थी। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि पार्टी से 135 करोड़ रुपये की कर वसूली आयकर कानून के प्रावधानों के अनुरूप है।
सूत्रों ने कहा कि विशेष रूप से अप्रैल 2019 में तलाशी अभियानों के दौरान आयकर विभाग ने जो आपत्तिजनक सामग्री जब्त की, उसके आधार पर चुनावी प्रक्रिया में नकदी के व्यापक उपयोग का पता चला।
उन्होंने बताया कि ऐसे में पार्टी के आकलन को सात वर्षों (आकलन वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक) के लिए फिर से खोला गया था।
सूत्रों ने कहा कि आकलन के बाद 2021 में कांग्रेस पार्टी से कर मांग की गई और उन्हें भुगतान करने के लिए कई बार पत्र भेजे गए। कार्यवाही के दौरान निर्धारिती (कांग्रेस पार्टी) द्वारा दायर स्थगन याचिका को खारिज कर दिया गया था।
इसके बाद, आकलन आदेश के 33 महीने और आयकर आयुक्त (अपील) के आदेश के 10 महीने बाद भी, जब निर्धारिती ने मांग को नहीं चुकाया, तो आयकर अधिनियम की धारा 226 (3) के तहत वसूली की कार्यवाही शुरू की गई।
ऐसे में कानून के प्रावधानों के अनुसार लगभग 135 करोड़ रुपये की बकाया मांग की वसूली कार्यवाही शुरू की गई। इस कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) और दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था।
सूत्रों ने बताया कि इसके बाद आयकर कानून, 1961 के प्रावधानों के अनुसार 135 करोड़ रुपये की वसूली की गई है।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय