महिंद्रा फाइनेंस के वाहन ऋण कारोबार में 150 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पता चला

महिंद्रा फाइनेंस के वाहन ऋण कारोबार में 150 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पता चला

  •  
  • Publish Date - April 23, 2024 / 10:02 PM IST,
    Updated On - April 23, 2024 / 10:02 PM IST

नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) महिंद्रा फाइनेंस ने मंगलवार को कहा कि उसकी एक शाखा में खुदरा वाहन कर्ज में लगभग 150 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला मार्च में पता लगा था और वित्तीय नतीजों को अंतिम रूप देने के लिए निदेशक मंडल की बैठक 30 मई तक के लिए टाल दी गई है।

कंपनी ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि मार्च 2024 को समाप्त अवधि के लिए वित्तीय विवरण, परिणाम और लाभांश पर विचार करने के लिए निदेशक मंडल की बैठक नए सिरे से निर्धारित की गई है और अब यह 30 मई, 2024 को आयोजित की जाएगी।

इससे पहले महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज के निदेशक मंडल की दिन में हुई बैठक में उधारी सीमा को 1.10 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.30 लाख करोड़ रुपये करने की मंजूरी दी गई।

इसके अलावा एम एम निसिम एंड कंपनी और एम पी चितले एंड कंपनी को तीन साल के लिए कंपनी के संयुक्त सांविधिक लेखा परीक्षक नियुक्त करने का भी फैसला किया गया। ये दोनों कंपनियां डेलॉइट हास्किन्स एंड सेल्स और मुकुंद एम. चितले एंड कंपनी का स्थान लेंगी।

महिंद्रा फाइनेंस ने कहा कि 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही के अंत के समय पूर्वोत्तर में कंपनी की एक शाखा में धोखाधड़ी का पता चला।

कंपनी ने कहा, ‘खुदरा वाहन ऋण वितरण के संबंध में हुई धोखाधड़ी में केवाईसी दस्तावेजों की जालसाजी की गई जिससे कंपनी के धन का गबन हुआ। मामले में जांच अग्रिम चरण में है। अनुमान है कि इस धोखाधड़ी से 150 करोड़ रुपये तक का वित्तीय प्रभाव पड़ने की आशंका है।”

महिंद्रा समूह की कंपनी ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है और जरूरी सुधारात्मक कार्रवाइयों की पहचान की गई है और कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। इस सिलसिले में कुछ लोगों की गिरफ्तार भी किया गया है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण