रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरा, 26 पैसे मजबूत होकर 89.89 प्रति डॉलर पर बंद

रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरा, 26 पैसे मजबूत होकर 89.89 प्रति डॉलर पर बंद

रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरा, 26 पैसे मजबूत होकर 89.89 प्रति डॉलर पर बंद
Modified Date: December 4, 2025 / 08:46 pm IST
Published Date: December 4, 2025 8:46 pm IST

मुंबई, चार दिसंबर (भाषा) विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को रुपया अपनी रिकॉर्ड गिरावट से उबरने में सफल रहा। रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 26 पैसे मजबूत होकर 89.89 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

रुपये के मूल्य में यह तेजी मुख्य रूप से डॉलर सूचकांक में नरमी और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुद्रा बाजार में संभावित हस्तक्षेप की वजह से आई।

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विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिका में गैर-कृषि रोजगार के आंकड़े अनु्मान से कम रहने से डॉलर में नरमी आई और इसने रुपये को निचले स्तर पर समर्थन दिया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोर खुला था और शुरुआती कारोबार में फिसलकर 90.43 के नए सर्वकालिक निचले स्तर तक पहुंच गया। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली, कच्चे तेल की ऊंची कीमतें और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की घोषणा में देरी से रुपये पर दबाव रहा।

हालांकि बाद में रुपये की स्थिति संभली और अंत में यह 89.89 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ। इस तरह पिछले कारोबारी सत्र के मुकाबले रुपये में 26 पैसे की मजबूती रही।

बुधवार को रुपया पहली बार 90 के स्तर के ऊपर चला गया था और 90.15 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। यह इसका अब तक सर्वकालिक निचला बंद स्तर है।

इस बीच, दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.01 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 98.84 पर आ गया।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.22 प्रतिशत की तेजी के साथ 62.81 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली और घरेलू शेयर बाजार के कमजोर रुझान के चलते रुपया निकट अवधि में दबाव में रह सकता है। ऊंची कच्चे तेल की कीमतें भी मुद्रा पर असर डालेंगी।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों में कमजोरी और फेडरल रिजर्व की संभावित दर कटौती की उम्मीदें रुपये को सहारा दे सकती हैं। इसके अलावा आरबीआई के अतिरिक्त हस्तक्षेप से भी रुपये को समर्थन मिलेगा।

चौधरी ने अनुमान जताया कि निकट अवधि में डॉलर-रुपया का हाजिर विनिमय भाव 89.65 से 90.50 के दायरे में रह सकता है।

घरेलू स्तर पर मौद्रिक नीति से जुड़े मोर्चे पर भी बाजार की निगाहें टिकी हुई हैं। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का निर्णय शुक्रवार को आएगा। इसमें रेपो दर को लेकर फैसला आएगा।

सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 158.51 अंक चढ़कर 85,265.32 अंक और निफ्टी 47.75 अंक बढ़कर 26,033.75 अंक पर बंद हुआ।

विदेशी संस्थागत निवेशक बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बृहस्पतिवार को 1,944.19 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध निकासी की।

भाषा राजेश राजेश प्रेम

प्रेम


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