सीतारमण ने विकसित भारत के लक्ष्य के लिए शासन प्रणाली को सरल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया

सीतारमण ने विकसित भारत के लक्ष्य के लिए शासन प्रणाली को सरल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया

सीतारमण ने विकसित भारत के लक्ष्य के लिए शासन प्रणाली को सरल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया
Modified Date: December 21, 2025 / 08:57 pm IST
Published Date: December 21, 2025 8:57 pm IST

विजयनगर (कर्नाटक), 21 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत के वित्तपोषण ढांचे को मजबूत करने, शासन ढांचे को सरल बनाने और देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने में तेजी लाने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) का उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्नाटक के विजयनगर जिले में वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के ‘चिंतन शिविर’ की अध्यक्षता की।

दिनभर चले विचार-विमर्श में नीतिगत सोच को विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ संरेखित करने पर जोर दिया गया।

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वरिष्ठ अधिकारियों ने वित्तीय बाजारों को मजबूत करने, व्यापार करने में आसानी लाने और शासन में उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने के उपायों पर चर्चा की, साथ ही निरीक्षण और जवाबदेही को बनाए रखने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।

सीतारमण ने कार्यक्रम के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘चिंतन शिविर उच्च स्तरीय सोच का मंच प्रदान करता है, जिसे नीतियों में बदलकर भारत को विकसित राष्ट्र की ओर तेजी से ले जाया जा सकता है।’

चिंतन शिविर केंद्रीय कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ​​की उपस्थिति में आयोजित किया गया और इसमें वित्त मंत्रालय तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

चर्चाओं को तीन प्रमुख समूह — विकसित भारत के लिए वित्तीय प्रबंधन, विकसित भारत के लिए व्यापार में सुगमता, और विकसित भारत के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) में बांटा गया। प्रत्येक समूह ने विस्तार से विचार-विमर्श कर अपने सुझाव दिए।

वित्तीय प्रबंधन पर चर्चा में प्रतिभागियों ने यह रेखांकित किया कि समग्र वित्तीय ढांचे को मजबूत करने के लिए राज्यों और नगरपालिकाओं को सशक्त बनाना, कॉर्पोरेट बॉण्ड बाजार को सुदृढ़ करना, डिजिटल और बिना जमानत वाले ऋण को बढ़ावा देना, और निजी निवेश को प्रोत्साहित करना आवश्यक है।

व्यापार में सुगमता पर चर्चा में सरल कानून, कम नियम-कानून लागत, विवाद का तेजी से समाधान और विश्वास-आधारित प्रणालियों को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि शासन सुधार गैर-अनुपालन मान्यता से हटकर, सुविधाजनक और विश्वास-आधारित प्रशासन पर आधारित होने चाहिए।

प्रौद्योगिकी, विशेषकर एआई के उपयोग पर, वित्त मंत्री ने कहा कि यह शासन में सहायक और रणनीतिक उपकरण के रूप में काम कर सकता है।

सीतारमण ने 2047 तक भारत को समृद्ध राष्ट्र बनाने की आकांक्षा दोहराते हुए सभी प्रतिभागियों से इस प्रयास में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि स्थायी समृद्धि प्राप्त करना आवश्यक है, क्योंकि यही गरीबी और असमानता कम करने और समावेशी तथा दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित करने का आधार है।

भाषा योगेश सुभाष

सुभाष


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