ईटीओ मसला जल्द न सुलझा तो मसाला निर्यात 40 प्रतिशत कम हो जाएगाः एफआईएसएस

ईटीओ मसला जल्द न सुलझा तो मसाला निर्यात 40 प्रतिशत कम हो जाएगाः एफआईएसएस

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  • Publish Date - May 17, 2024 / 09:52 PM IST,
    Updated On - May 17, 2024 / 09:52 PM IST

अहमदाबाद, 17 मई (भाषा) फेडरेशन ऑफ इंडियन स्पाइस स्टेकहोल्डर्स (एफआईएसएस) ने शुक्रवार को कहा कि यदि मसालों में एथिलीन ऑक्साइड (ईटीओ) की मौजूदगी के मुद्दे को जल्द हल नहीं किया जाता है तो चालू वित्त वर्ष के दौरान मसाला निर्यात में लगभग 40 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।

पिछले महीने हांगकांग और सिंगापुर ने लोकप्रिय मसाला ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट के उत्पादों में कैंसरजनक रसायन ईटीओ की मौजूदगी पाए जाने के बाद उनकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का मसाला निर्यात कुल 4.25 अरब डॉलर था जो वैश्विक मसाला निर्यात का 12 प्रतिशत था।

एफआईएसएस के सचिव तेजस गांधी ने कहा, ‘बहुत से निर्यातकों को ऑर्डर मिले हुए हैं और उस प्रकरण के बाद उन्हें कुछ हद तक रोक दिया गया है। हमारे अनुमान के मुताबिक, अगर समस्या का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो इस साल मसाला निर्यात 40 प्रतिशत तक प्रभावित हो सकता है।’

एफआईएसएस देश भर के लगभग 600 मसाला व्यापारियों, निर्यातकों और किसानों के संगठनों का प्रतिनिधि निकाय है।

संगठन के चेयरमैन अश्विन नायक ने कहा कि ईटीओ के बारे में गलत सूचना फैलाई जा रही है जबकि दुनिया भर में इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है और भारतीय कंपनियां लगभग 30 से 40 वर्षों से अमेरिका को ईटीओ-उपचारित मसालों का निर्यात कर रही हैं।

नायक ने कहा, ‘ईटीओ ऐसा कीटनाशक नहीं है जिसे सीधे फसलों पर छिड़का जाता है। ईटीओ एक गैसीय एजेंट है जिसका उपयोग केवल अनुमोदित संगठनों द्वारा मसालों से कुछ हानिकारक सूक्ष्मजीवों और जीवाणुओं को हटाने या नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।’

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण