उच्चतम न्यायालय ने लोटस 300 परियोजना की ईडी जांच के आदेश पर अंतरिम रोक लगाई

उच्चतम न्यायालय ने लोटस 300 परियोजना की ईडी जांच के आदेश पर अंतरिम रोक लगाई

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  • Publish Date - June 12, 2024 / 09:59 PM IST,
    Updated On - June 12, 2024 / 09:59 PM IST

(फाइल तस्वीर के साथ)

नोएडा, 12 जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने नोएडा में स्थित लग्जरी आवासीय परियोजना ‘लोटस 300’ से जुड़े वित्तीय लेनदेन की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच कराने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी है।

न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की अवकाशकालीन पीठ ने मंगलवार को यह आदेश पारित किया।

इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 29 फरवरी को नोएडा के सेक्टर-107 में अधूरी आवासीय परियोजना लोटस 300 से जुड़ी कथित वित्तीय अनियमितताओं की ईडी जांच का आदेश दिया था।

यह जमीन हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (एचपीपीएल) को लोटस 300 परियोजना विकसित करने के लिए आवंटित की गई थी। एचपीपीएल कई कंपनियों का एक गठजोड़ है जिसमें पेबल्स इन्फ्रोटेक की अग्रणी भूमिका है।

उच्च न्यायालय ने इस मामले में ‘घोर लापरवाही’ के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण को फटकार लगाई थी। उसे एक दशक से अधिक समय से अपने बकाये के भुगतान की स्थिति का पता लगाने या कोई कदम उठाने में फटकार लगाई थी। उसका बकाया बढ़कर 29 फरवरी तक लगभग 166 करोड़ रुपये था।

इस आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘अगले आदेश तक पैराग्राफ 114 में निहित उच्च न्यायालय के निर्देश पर अंतरिम रोक रहेगी। हालांकि सभी पक्षों को यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि पैराग्राफ 117 में दिए उच्च न्यायालय के निर्देश का समय के भीतर विधिवत पालन हो।’’

उच्च न्यायालय के आदेश का पैराग्राफ 114 सभी निदेशकों, प्रवर्तकों, नामित प्रवर्तक, कर्ज भुगतान में चूक करने वाले अधिकारी और एचपीपीएल का पैसा जिन कंपनियों या संस्थाओं में भेजा गया, उनके खिलाफ ईडी जांच कराने से संबंधित था।

अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘‘ईडी उक्त राशि की वसूली और सभी लेनदारों के बकाये का भुगतान करने के लिए ईमानदार प्रयास करेगा।’’

वहीं आदेश के पैराग्राफ 117 में नोएडा प्राधिकरण को कब्जा प्रमाणपत्र (ओसी) या आंशिक-पूर्णता प्रमाणपत्र जारी करने और एक महीने के भीतर फ्लैट खरीदारों के पक्ष में त्रिपक्षीय समझौता और पंजीकृत बैनामा करने का निर्देश दिया गया था।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय