बिजली भंडारण की प्रौद्योगिकी पर टाटा पावर-डीडीएल, इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम के बीच भागीदारी समझौता

बिजली भंडारण की प्रौद्योगिकी पर टाटा पावर-डीडीएल, इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम के बीच भागीदारी समझौता

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  • Publish Date - May 21, 2024 / 06:43 PM IST,
    Updated On - May 21, 2024 / 06:43 PM IST

नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) बिजली वितरण कंपनी टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. (टाटा पावर डीडीएल) ने ‘व्हीकल-टू-ग्रिड’ प्रौद्यागिकी के लिए इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

समझौता ज्ञापन पर टाटा पावर-डीडीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी गजानन एस काले और इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम के अध्यक्ष रेजी कुमार पिल्लई ने हस्ताक्षर किए।

‘व्हीकल टू ग्रिड’ एक ऐसी प्रौद्योगिकी है जो इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की बैटरी से ऊर्जा को पावर ग्रिड में वापस भेजने में सक्षम बनाती है। ऊर्जा के हरित स्रोत हैं लेकिन ग्रिड को संतुलित रखने के लिए ऊर्जा भंडारण एक समस्या बनी हुई है। ऐसे में ईवी की बैटरी क्षमता का उपयोग ऊर्जा के भंडारण और ‘व्हीकल टू ग्रिड’ (वी2जी) प्रौद्योगिकी का उपयोग जरूरत पड़ने पर ग्रिड को बिजली वापस देने के लिए किया जा सकता है।

कंपनी के बयान के मुताबिक, इस पहल का मकसद फ्रीक्वेंसी व वोल्टेज समर्थन जैसी आवश्यक ग्रिड सेवाएं देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की क्षमता का पता लगाना है। साथ ही बिजली कटौती के दौरान ‘बैकअप पावर’ स्रोतों के रूप में उनकी व्यवहार्यता का परीक्षण करना है।

इस पायलट परियोजना का उद्देश्य यह दर्शाना है कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) ग्रिड के साथ किस तरह तालमेल बैठा सकते हैं।

उत्तरी दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर-डीडीएल ने कहा कि परियोजना का मकसद परिवहन और ऊर्जा क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर ध्यान देना है।

कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी गजानन एस. काले ने कहा, ‘‘यह पहल स्थायी ऊर्जा समाधानों और भविष्य के लिए तैयार ग्रिड को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है। यह परियोजना हमारे पावर ग्रिड के प्रबंधन और ईवी को निर्बाध रूप से एकीकरण के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखती है।’’

आईएसजीएफ के अध्यक्ष रेजी कुमार पिल्लई ने कहा कि यह परियोजना न केवल ‘व्हीकल-टू-ग्रिड’ की प्रौद्योगिक क्षमताओं का प्रदर्शन करेगी, बल्कि इसकी व्यावसायिक व्यवहारिकता का भी पता लगाएगी जिससे अधिक टिकाऊ तथा कुशल भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा।

बयान के मुताबिक, दिल्ली विद्युत नियामक आयोग, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और टाटा मोटर्स इस परियोजना के पर्यवेक्षक हैं। वी2जी प्रौद्योगिकी की भागीदार अमेरिका की डेलावेयर यूनिवर्सिटी है।

पिल्लई ने कहा, ‘‘ हम परियोजना में विभिन्न पक्षों को साथ ला रहे हैं ताकि वी2जी अनुरूप ईवी जल्द ही भारत में पेश किए जा सकें और इसको आगे बढ़ाने वाले नियम भी जारी किए जा सकें।’’

भाषा निहारिका रमण प्रेम

प्रेम