किशोर बियानी ने कहा, भ्रम फैला रही है, ‘कबाब में हड्डी’ बन रही है अमेजन | Teen Biyani says confusion is spreading, 'bone in kebab' is becoming Amazon

किशोर बियानी ने कहा, भ्रम फैला रही है, ‘कबाब में हड्डी’ बन रही है अमेजन

किशोर बियानी ने कहा, भ्रम फैला रही है, ‘कबाब में हड्डी’ बन रही है अमेजन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:34 PM IST, Published Date : January 30, 2021/2:21 pm IST

नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) फ्यूचर समूह के प्रवर्तक किशोर बियानी ने आरोप लगाया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ समूह के 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को लेकर अमेजन भ्रम पैदा करने और ‘कबाब में हड्डी’ बनने की कोशिश कर रही है।

ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजन के साथ चल रही खींचतान के बीच कर्मचारियों की चिंताओं को हल करने का प्रयास करते हुए बियानी ने कहा कि फ्यूचर समूह कानूनी तौर पर मजबूत स्थिति में है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई), बाजार नियामक सेबी और शेयर बाजारों से मिली मंजूरियां इस बात का सबूत हैं।

फ्यूचर ग्रुप के कर्मचारियों को संबोधित एक पत्र में बियानी ने आरोप लगाया कि अमेजन एक ठोस और समन्वित मीडिया अभियान चलाकर भ्रामक जानकारियां फैला रही है।

बियानी ने कहा कि फ्यूचर समूह हमले के एक नये रूप का निशाना है। उन्होंने कहा कि भारत के गणतंत्र बनने के 70 साल बाद भारतीय ग्राहकों पर वर्चस्व के लिये कॉरपोरेट लड़ाई लड़ी जा रही है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि समाज की मानसिकता को प्रभावित करने के लिये काफी संसाधन लगाये जा रहे हैं।

उन्होंने शुक्रवार को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘अमेजन सिर्फ दूसरों को नुकसान पहुंचा रही है और हंगामा खड़ा कर रही है। हम कई कारणों से पहले इस बात पर यकीन नहीं करते रहे, लेकिन अब यह एक हद तक स्पष्ट है। यह किसी भी कीमत पर भारतीय उपभोक्ताओं को अपने पाले में करने की लड़ाई है।’’

हालांकि, अमेजन ने इस मामले पर ई-मेल के माध्यम से पूछे गये सवालों का जवाब नहीं दिया।

बियानी ने कहा कि उन्हें अमेजन द्वारा उठाये जा रहे विभिन्न कानूनी कदमों पर कर्मचारियों के कई पत्र, फोन कॉल और संदेश मिले हैं, जिनमें उन्होंने समर्थन दिया है, चिंताएं व्यक्त की हैं और कुछ सवाल उठाये हैं।

बियानी ने अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को खुदरा व थोक समेत फ्यूचर समूह के कुछ अन्य व्यवसायों को बेचने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि वित्तीय संकट के मद्देनजर रिलायंस समूह के साथ ‘रचनात्मक सौदा’ करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा था।

भाषा सुमन अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)