मुंबई, 30 सितंबर (भाषा) भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) आने वाले वक्त में शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र और ‘डार्क पैटर्न्स’’ पर ज्यादा ध्यान देगी। एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को यह कहा।
एएससीआई की महासचिव और मुख्य कार्यकारी मनीषा कपूर ने कहा कि ‘डार्क पैटर्न’ से मतलब उन तरीकों से है जो विज्ञापन क्षेत्र के लोग फर्जी रिव्यू या दामों पर गलत जानकारी के जरिये ग्राहकों को भ्रमित करने के प्रयास के लिए इस्तेमाल करते हैं।
कपूर ने संगठन की वार्षिक आमसभा की बैठक के एक दिन बाद कहा, ‘‘हम शिक्षा प्रौद्योगिकी पर काम कर रहे हैं। हमें लगता है कि शिक्षा एक उल्लंघनकारी क्षेत्र है, अध्ययन के बाद हम रिपोर्ट लाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि डार्क पैटर्न पर विस्तृत अध्ययन के जरिये ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एएससीआई का प्रयास आवश्यक दिशा-निर्देश लाने का है। उन्होंने कहा कि चिंता का एक अन्य विषय निजता भी है, हालांकि उम्मीद जताई कि संशोधित डेटा निजता विधेयक इन सभी चिंताओं का समाधान करेगा।
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मानसी अजय
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