राजस्थान में देशी पर्यटकों की संख्या इस साल 90.4 प्रतिशत बढ़ी

राजस्थान में देशी पर्यटकों की संख्या इस साल 90.4 प्रतिशत बढ़ी

राजस्थान में देशी पर्यटकों की संख्या इस साल 90.4 प्रतिशत बढ़ी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:49 pm IST
Published Date: November 18, 2022 2:53 pm IST

जयपुर, 18 नवंबर (भाषा) कोरोना महामारी के बाद लोगों का पर्यटन की ओर एक बार फिर रुझान बढ़ने के बीच राजस्थान में देशी पर्यटकों की संख्या में इस साल अब तक 90.4 प्रतिशत बढ़ोतरी देखने को मिली है।

पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को आयोजित पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में बताया गया कि वर्ष 2022 में राजस्थान में पर्यटकों के आगमन में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है। राज्य में देशी पर्यटकों की संख्या में इस वर्ष 90.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा इस वर्ष सितम्बर तक 1.64 लाख विदेशी सैलानी राजस्थान घूमने आए हैं।

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अधिकारियों के अनुसार राज्य सरकार द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में लिए जा रहे विभिन्न निर्णयों से राज्य देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना है।

एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। इससे बड़े स्तर पर रोजगार सृजित होता है, वहीं इससे प्राप्त होने वाली आय से राज्य के विकास को गति मिलती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट लोक कलाओं और संस्कृति के संरक्षण तथा उत्थान के लिए राज्य सरकार जल्द ही राजस्थान लोक कला उत्सव का आयोजन करने जा रही है।

बैठक में बताया गया कि राजस्थान में लगभग 22 प्रकार के लोक उत्सव आयोजित किए जा रहे हैं। इन उत्सवों के माध्यम से सैलानी स्थानीय संस्कृति एवं लोक कलाओं का आनंद उठा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर के टाउन हॉल को एक म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 96 करोड़ रूपए का बजट आवंटित किया है। यहां राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों का इतिहास पर्यटकों को दिखाया जाएगा।

इसमें यह भी बताया गया कि जैसलमेर में ढोला-मारू टुरिज्म कॉम्पलेक्स के निर्माण हेतु रिपोर्ट तैयार कर 865 एकड़ भूमि आवंटित कर दी गई है। जल्द ही टुरिज्म कॉम्पलेक्स का निर्माण पूरा किया जाएगा, जिसमें राजस्थान की लोक कला के प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन की व्यवस्था के साथ-साथ पर्यटकों के रूकने का उत्कृष्ट प्रबंध होगा। यहां राजस्थान के हस्तनिर्मित उत्पादों के अलावा राजस्थान के परम्परागत व्यंजनों का स्वाद सैलानी ले सकेंगे।

भाषा पृथ्वी मनीषा रमण

रमण


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