टाइटन यूएई की कंपनी दमास ज्वेलरी में 67 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी

टाइटन यूएई की कंपनी दमास ज्वेलरी में 67 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी

टाइटन यूएई की कंपनी दमास ज्वेलरी में 67 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी
Modified Date: July 21, 2025 / 09:55 pm IST
Published Date: July 21, 2025 9:55 pm IST

नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) देश की प्रमुख आभूषण कंपनी टाइटन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की दमास ज्वेलरी में बहुलांश 67 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। यह सौदा पूरी तरह से नकद में होगा।

प्रस्तावित सौदा 103.8 करोड़ दिरहम (लगभग 2,438.56 करोड़ रुपये) के उद्यम मूल्य के आधार पर किया गया है।

इस अधिग्रहण से टाटा समूह की कंपनी को अपना कारोबार खाड़ी देशों में बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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टाइटन की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी टाइटन होल्डिंग्स इंटरनेशनल एफजेडसीओ ने सोमवार को दमास एलएलसी (संयुक्त अरब अमीरात-यूएई) में 67 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए मन्नाई कॉरपोरेशन के साथ एक पक्के समझौते पर हस्ताक्षर किए। दमास एलएलसी, जीसीसी देशों में दमास आभूषण कारोबार की मौजूदा होल्डिंग कंपनी है।

एक संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘‘प्रस्तावित सौदा 103.8 करोड़ दिरहम (लगभग 2,438.56 करोड़ रुपये) के उद्यम मूल्य के आधार पर किया गया है।’’

दमास ज्वेलरी की स्थापना 1907 में हुई थी। कंपनी के पास छह खाड़ी सहयोग परिषद (जीसी) देशों में 146 दुकानों का नेटवर्क है। वित्त वर्ष 2023-24 में इसका राजस्व 146.1 करोड़ दिरहम (लगभग 3,450.2 करोड़ रुपये) था।

बयान के अनुसार, ‘‘अधिग्रहण का उद्देश्य दमास एलएलसी (यूएई) के माध्यम से खाड़ी सहयोग परिषद के देशों में मन्नाई कॉरपोरेशन द्वारा संचालित ब्रांड ‘दमास’ सहित संपूर्ण आभूषण कारोबार का अधिग्रहण करना है।’’

टाइटन को उम्मीद है कि प्रस्तावित सौदा 31 जनवरी, 2026 से पहले पूरा हो जाएगा। यह सौदा नियामक मंजूरी पर निर्भर है।

प्रस्तावित लेनदेन के अनुसार, टाइटन होल्डिंग्स 67 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। यह अधिग्रहण प्रासंगिक नियामकीय मंजूरी पर निर्भर है।

चार साल बाद, 2029 के अंत तक, मन्नाई को बची हुई 33 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने और टाइटन होल्डिंग्स को होल्डिंग कंपनी में शेष हिस्सेदारी हासिल करने का अधिकार होगा।

टाइटन ने कहा कि यह सौदा टाइटन के आभूषण कारोबार के लिए ‘रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण’ है, क्योंकि इससे छह जीसीसी देशों … यूएई, सऊदी अरब, कतर, ओमान, कुवैत और बहरीन… में विस्तार में मदद मिलेगी।

भाषा रमण अजय

अजय


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