भारतीय कला को प्रदर्शित करने की यूएनएम फाउंडेशन की पहल अभिव्यक्ति में 4.5 लाख दर्शक हुए शामिल

भारतीय कला को प्रदर्शित करने की यूएनएम फाउंडेशन की पहल अभिव्यक्ति में 4.5 लाख दर्शक हुए शामिल

भारतीय कला को प्रदर्शित करने की यूएनएम फाउंडेशन की पहल अभिव्यक्ति में 4.5 लाख दर्शक हुए शामिल
Modified Date: December 1, 2025 / 07:07 pm IST
Published Date: December 1, 2025 7:07 pm IST

अहमदाबाद, एक दिसंबर (भाषा) टोरेंट समूह के परमार्थ संस्थान यूएनएम फाउंडेशन की भारतीय कला को प्रदर्शित करने की पहल ‘अभिव्यक्ति’ का सातवां संस्करण संपन्न हो गया है। इसमें रिकॉर्ड 4.5 लाख से अधिक दर्शक शामिल हुए।

यूएनएम फाउंडेशन के बयान के अनुसार, 13 से 30 नवंबर तक तीन स्थानों – श्रेयस फाउंडेशन, गुजरात विश्वविद्यालय और अतीरा – में आयोजित अभिव्यक्ति- ‘द सिटी आर्ट्स प्रोजेक्ट’ के सातवें संस्करण में ‘कहानियां कहने का इंतजार कर रही हैं’ विषय के अंतर्गत कलात्मक अभिव्यक्ति की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गई।

 ⁠

बयान के अनुसार, अभिव्यक्ति के तहत 2018 में अपनी शुरुआत के बाद से 1,000 से अधिक कलाकारों को सहयोग दिया गया है और कलाकारों को 550 से ज्यादा मौलिक प्रस्तुतियों को पेश करने मौका मिला है।

इस साल, इस महोत्सव को देश भर से 2,656 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 45 शहरों और 16 राज्यों के 140 से ज्यादा कलाकारों का चयन किया गया। 80 ​​प्रतिशत से ज्यादा प्रतिभागी गुजरात के बाहर से थे। यह महोत्सव की बढ़ती राष्ट्रीय उपस्थिति को बताता है।

यूएनएम फाउंडेशन की चेयरपर्सन सपना मेहता ने कहा कि रिकॉर्ड भागीदारी ने अभिव्यक्ति के कला को सभी के लिए सुलभ बनाने के दृष्टिकोण की पुष्टि की है।

उन्होंने कहा, ‘‘अभिव्यक्ति शहर की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा बन गई है। नवंबर, 2026 में होने वाले आठवें संस्करण के साथ हमारी प्रतिबद्धता कलाकारों और दर्शकों को जोड़ने की है।’’

सातवें संस्करण में नृत्य, रंगमंच, संगीत और दृश्य कलाओं के 140 से अधिक कार्यक्रम के साथ ही एक नया साहित्य खंड भी प्रस्तुत किया गया।

आयोजकों ने कहा कि इस संस्करण ने शहर के साथ अभिव्यक्ति के भावनात्मक जुड़ाव को और मजबूत किया है।

बयान के अनुसार, अभिव्यक्ति का आठवां संस्करण नवंबर, 2026 में आयोजित किया जाएगा।

इससे पहले, अभिव्यक्ति सिटी एडिशन के हिस्से के रूप में संस्करण सात की लोकप्रिय प्रस्तुतियां सूरत, वडोदरा, राजकोट और भुज में प्रदर्शित की जाएंगी। इसका उद्देश्य उभरते कलाकारों को व्यापक प्रदर्शन प्रदान करना और दर्शकों तक सार्वजनिक कला को पहुंचाना है।

भाषा

रमण अजय

अजय


लेखक के बारे में