वैष्णव का वैश्विक ‘इंटरनेट डेटा ट्रांसफर’ के लिए अंडमान को बड़ा केंद्र बनाने का प्रस्ताव
वैष्णव का वैश्विक ‘इंटरनेट डेटा ट्रांसफर’ के लिए अंडमान को बड़ा केंद्र बनाने का प्रस्ताव
नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को अंडमान को उसकी भौगोलिक स्थिति के कारण वैश्विक ‘इंटरनेट डेटा ट्रांसफर’ का अगला बड़ा केंद्र बनाने की वकालत की।
वैष्णव ने भारत एआई शक्ति कार्यक्रम में म्यांमा तक समुद्र के भीतर केबल का विस्तार करने की भी अपील की, जहां से इसे भारत के पूर्वोत्तर राज्यों तक बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अंडमान को वैश्विक ‘इंटरनेट डेटा ट्रांसफर’ का अगला बड़ा केंद्र क्यों नहीं बना सकते? अंडमान वास्तव में गूगल और अन्य सभी इंटरनेट-आधारित कंपनियों को दक्षिण पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया और दुनिया के एक बड़े हिस्से तक पहुंचने में मदद कर सकता है, जो आज पूरी तरह से नई क्षमता की तलाश में है।’’
इस कार्यक्रम में प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल ने आंध्र प्रदेश में एआई (कृत्रिम मेधा) केंद्र बनाने के लिए 15 अरब डॉलर के अपने अबतक के सबसे बड़े निवेश की घोषणा की। इसमें अदाणी समूह के साथ साझेदारी में एक गीगावाट स्तर के डेटा सेंटर भी शामिल है।
वैष्णव ने कंपनियों से विशाखापत्तनम से म्यांमा के सित्तवे तक एक लिंक बनाने का आग्रह किया ताकि केबल को पूर्वोत्तर राज्यों तक पहुंचाया जा सके।
मंत्री ने कहा, ‘‘रेलवे नेटवर्क, रेलटेल नेटवर्क के माध्यम से हम जो वर्तमान कनेक्टिविटी प्रदान कर रहे हैं, उसे काफी बढ़ाने की आवश्यकता है। अगर हम म्यांमा होते हुए मिजोरम जा सकें… तो हम केबल को पूर्वोत्तर राज्यों तक पहुंचा सकते हैं क्योंकि पूर्वोत्तर राज्यों को बेहतर कनेक्टिविटी की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि मिजोरम के सैरांग तक एक रेलवे लाइन पहले ही बिछाई जा चुकी है और प्रधानमंत्री ने इस लाइन को म्यांमा सीमा तक बढ़ाने का निर्देश दिया है। सित्तवे से एक राजमार्ग का निर्माण पहले ही किया जा रहा है।
भाषा रमण अजय
अजय

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