सूचीबद्धता समाप्त करने का प्रयास असफल रहने के बाद वेदांता ने कहा कि भारत को लेकर प्रतिबद्ध

सूचीबद्धता समाप्त करने का प्रयास असफल रहने के बाद वेदांता ने कहा कि भारत को लेकर प्रतिबद्ध

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  • Publish Date - October 13, 2020 / 12:17 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:49 PM IST

नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (भाषा) वेदांता लिमिटेड को भारत में शेयर बाजार से निकालने के असफल प्रयास के बाद खनन क्षत्र के प्रमुख उद्योगपति अनिल अग्रवाल की वेदांता रिसोर्सिसिज ने मंगलवार को कहा कि वह भारत में निवेश को लेकर प्रतिबद्ध है।

उनके मुताबिक भारत में वृद्धि की बेजोड़ संभावनायें उपलब्ध हैं।

वेदांता लिमिटेड ने पिछले सप्ताह अपने शेयरों की भारतीय शेयर बाजारों से सूचीबद्धता समाप्त करने की पहल की थी। उसका प्रयास सफल होते होते रह गया। बोली में सार्वजनिक शेयरधाकों की ओर से शेयर वापस बेचे के बहुत से प्रस्तावों की पुष्टि नहीं होने से शेयर प्राप्त करने लक्ष्य पूरा नहीं हो सका।

बंबई शेयर बाजार (बीएसई) ने पुनखरीद के प्रस्ताव पर 9 अक्टूबर को सार्वजनिक शेयरधारकों के पास पड़े कुल 169.73 करोड़ शेयरों में से 137.74 करोड़ शेयरों को वापस बेचने के लिए की बोलियां पेश की गयी थीं।

वैसे दिखने में प्राप्त प्रस्तावों की संख्या जरूरी 134.12 करोड़ शेयर से अधिक थी लेकिन कुछ बोलियां अंत में कस्टोडियन से जरूरी पुष्टि नहीं मिलने के कारण लंबित रह गई। आखिर में आंकड़ों के मिलान में वापस बिक्री के लिए पेश शेयरों की संख्या घटकर 125.47 करोड़ रह गई।

वेदांता लिमिटेड की मूल कंपनी वेदांता रिसोर्सिज ने एक बयान में कहा, ‘‘134 करोड़ शेयरों की सूचीबद्धता समाप्त करने का काम वास्तव में एक बड़ा भारी काम है। इस काम में हमें हमारे शेयरधारकों से बढ़ चढ़कर भागीदारी दिखी, हम अपने लक्ष्य से केवल सात प्रतिशत दूर रह गये।’’

कंपनी ने कहा, ‘‘सूचीबद्धता का प्रयास सफल नहीं रहा। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में 3.15 अरब डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आता। इस बड़े पैमाने के कोष का अर्थव्यवस्था में कई गुणा तक 0.4 प्रतिशत से लेकर 0.8 प्रतिशत के दायरे में असर होता।’’

वेदांता लिमिटेड में रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रक्रिया की शुरुआत 5 अक्टूबर को हुई और 9 अकटूबर को यह पूरी हुई।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर