डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी असामान्य नहीं, सिर्फ भारत ही प्रभावित नहींः अधिकारी
डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी असामान्य नहीं, सिर्फ भारत ही प्रभावित नहींः अधिकारी
नयी दिल्ली, 17 अगस्त (भाषा) अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये का भाव 83 रुपये से भी नीचे चले जाने को वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने असामान्य मानने से इनकार करते हुए शुक्रवार को कहा कि मुद्रा विनिमय दर में उतार-चढ़ाव की स्थिति सिर्फ भारतीय मुद्रा के साथ ही नहीं है।
इसके साथ ही वित्त मंत्रालय के इस अधिकारी ने उम्मीद जताई कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए उठाए जा रहे कदमों का मुद्रा विनिमय दर में उतार-चढ़ाव पर भी असर देखने को मिलेगा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया एक पैसे की गिरावट के साथ 83.10 के अपने नए सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ है। इस गिरावट का कारण घरेलू शेयर बाजार में कमजोर रुख और विदेशी कोषों की निकासी है।
अधिकारी ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि फिलहाल डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट चिंता का विषय नहीं है क्योंकि अमेरिकी बॉन्ड का प्रतिफल बढ़ने पर विनिमय दर में हमेशा उतार-चढ़ाव होता है। उन्होंने कहा, ‘बॉन्ड प्रतिफल में बदलाव का सभी मुद्राओं पर असर पड़ता है और रुपया भी इसका अपवाद नहीं है।’
यह पूछे जाने पर कि क्या रुपये की कीमत में गिरावट से आयात महंगा होने का असर मुद्रास्फीति पर भी पड़ेगा, उन्होंने कहा, ‘यह निश्चित रूप से एक मुद्दा है लेकिन मुझे यकीन है कि रिजर्व बैंक अपने निर्णय लेते समय इस बात को ध्यान में रखेगा।’
इस अधिकारी ने विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में उतार-चढ़ाव को सामान्य बताते हुए कहा, ‘भारतीय मुद्रा रुपये के साथ ऐसा होना किसी भी तरह से असामान्य या विशेष मामला नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘विनिमय दरों में बहुत अधिक उठापटक होती है लिहाजा हालात बदल भी बदल सकते हैं। यह कहना बहुत जल्जबाजी होगी कि मौजूदा विनिमय दर लंबे समय तक बनी रहेगी।’
दिसंबर, 2022 में डॉलर के मुकाबले रुपया 82.6 के भाव तक गिर गया था लेकिन उसके बाद से इसमें क्रमिक रूप से मजबूती का रुख देखा जा रहा था। हालांकि अगस्त के महीने में इसमें एक बार फिर कमजोरी आने लगी है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण

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