रबी सत्र में गेहूं रकबा 340 लाख हेक्टेयर से अधिक, दलहन रकबा कम: सरकारी आंकड़ा |

रबी सत्र में गेहूं रकबा 340 लाख हेक्टेयर से अधिक, दलहन रकबा कम: सरकारी आंकड़ा

रबी सत्र में गेहूं रकबा 340 लाख हेक्टेयर से अधिक, दलहन रकबा कम: सरकारी आंकड़ा

:   Modified Date:  January 19, 2024 / 09:27 PM IST, Published Date : January 19, 2024/9:27 pm IST

नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) गेहूं का कुल रकबा फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) के चालू रबी सत्र में 340 लाख हेक्टेयर को पार कर गया है। वहीं दलहन का रकबा कम रहा है। शुक्रवार को जारी कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी।

अक्टूबर में शुरू हुई रबी (सर्दियों) की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई पूरी हो चुकी है।

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब शीर्ष तीन राज्य हैं जहां गेहूं खेती के तहत अधिकतम क्षेत्रफल है।

मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार चालू रबी सत्र में 19 जनवरी तक 340.08 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हो चुकी है, जबकि एक साल पहले की अवधि में 337.50 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी।

एक ओर जहां मोटे अनाज और तिलहन का रकबा पिछले वर्ष की तुलना में अधिक रहा, वहीं इस रबी सत्र में दाल और धान का रकबा कम रहा।

रबी सत्र 2023-24 में दाल की बुवाई 155.13 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल 162.66 लाख हेक्टेयर से कम है। आंकड़ों से पता चलता है कि चना, उड़द और मूंग का रकबा कम रहा।

हालांकि, चालू रबी सत्र में अब तक मसूर का रकबा 19.51 लाख हेक्टेयर से अधिक है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 18.46 लाख हेक्टेयर था।

धान का रकबा भी घटकर 28.25 लाख हेक्टेयर रह गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 29.33 लाख हेक्टेयर था।

आंकड़ों के अनुसार, चालू रबी सत्र में अब तक मोटे अनाज का कुल क्षेत्रफल 53.83 लाख हेक्टेयर है, जो एक साल पहले की अवधि में 50.77 लाख हेक्टेयर था।

आंकड़ों से पता चलता है कि तिलहन खेती का रकबा थोड़ा सुधरकर 109.88 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह रकबा 108.82 लाख हेक्टेयर था।

धान और दालों के रकबे में गिरावट के कारण, रबी सत्र 2023-24 में अब तक सभी रबी फसलों का कुल क्षेत्रफल घटकर 687.18 लाख हेक्टेयर रह गया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा 689.09 लाख हेक्टेयर था।

गेहूं के अलावा अन्य रबी फसलों की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है। देर से आंकड़े भेजने वाले कुछ राज्यों के विवरण को ध्यान में रखते हुए बोए गए क्षेत्र के अद्यतन आंकड़े देते हुए साप्ताहिक आंकड़ा जारी किया जा रहा है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

 

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