नई दिल्ली। थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति पिछले माह जून में बढ़ कर 5.77% पर पहुंच गई, ये पिछले 4 साल में सबसे ज्यादा है। मुद्रास्फीति का दबाव सब्जियों और ईंधन के महंगा होने के कारण है। इससे पहले मई में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति 4.43% और पिछले साल जून में 0.90% थी।
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़े बताते हैं कि खाद्य वस्तुओं के वर्ग में मुद्रास्फीति जून 2018 में 1.80% रही जो मई में 1.60% थी। इसी तरह सब्जियों की कीमत सालाना आधार पर 8.12% ऊंचे रहे। मई में सब्जियों के दाम 2.51% बढ़े थे। जबकि बिजली और ईंधन क्षेत्र की मुद्रास्फीति दर जून में बढ़कर 16.18% हो गई जो मई में 11.22% थी।
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इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ग्लोबल बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ना है। जून में आलू की कीमतें एक साल पहले की तुलना में 99.02% ज्यादा चल रही थीं। मई में आलू में मुद्रास्फीति 81.93% थी। वहीं प्याज की महंगाई दर जून में 18.25% रही है जो इससे मई में 13.20% थी। दालों के दाम में गिरावट रही है। जून में दाल दलहनों के भाव सालाना आधार पर 20.23% कम हुए थे। सरकार ने अप्रैल की थोक मूल्य मुद्रास्फीति को संशोधित कर 3.62% कर दिया है। प्रारंभिक आंकड़ों में इसके 3.18% रहने का अनुमान लगाया गया था।
वेब डेस्क, IBC24
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