Chaitra Navratri 1st day 2025/ Image Credit: IBC24
नई दिल्ली: Chaitra Navratri 1st day 2025: हिंदू धर्म में हर त्यौहार का अपना लग महत्त्व होता है। आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है और हिंदू धर्म में नवरात्रि का भी बेहद खास महत्व है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा आराधना की जाती है। इस साल एक तिथि का क्षय है जिससे नवरात्रि 9 के बजाय 8 दिनों का ही है। चैत्र नवरात्रि का पहला दिन यानी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली प्रतिपदा तिथि 30 मार्च 2025 को है। नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित होता है। इसके साथ ही आज ही घटस्थापना भी की जाएगी। यही वजह है कि, नवरात्रि के पहले दिन को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, माता शैलपुत्री की पूजा विधि समेत अन्य जानकारियां देंगे।
Chaitra Navratri 1st day 2025: आपको बता दें कि, घटस्थापना या कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह के 06 बजकर 13 मिनट से लेकर 10 बजकर 22 मिनट तक रहने वाला है। कलश स्थापना के लिए 04 घंटे 08 मिनट का शुभ मुहूर्त है। वहीं, अभिजित मुहूर्त पूरे दिन में दोपहर के 12 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर के 12 बजकर 50 मिनट रहने वाला है। चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 की शाम 04 बजकर 27 मिनट से शुरू होगी और और 30 मार्च 2025 की दोपहर को 12 बजकर 49 मिनट पर इसका समापन हो जाएंगे। उदया तिथि में एकम तिथि और मां शैल पुत्री की पूजा कर व्रत का संकल्प किया जाएगा।
Chaitra Navratri 1st day 2025: चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन माता शैलपुत्री की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह सवेरे उठ जाएं।
सुब उठकर माता का ध्यान करनें और स्नान कर साफ कपड़े धारण कर लें।
इसके बाद एक चौकी को गंगाजल से छिड़कें और साफ करें। इस पर लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर लें।
मां दुर्गा के सामने धूप, दीप और शुद्ध गाय के घी का दीया जलाएं।
मां शैलपुत्री को भोग अर्पित कर उनकी आरती उतारें व दुर्गा चालीसा के साथ ही दुर्गा सप्तशती का भी पाठ कर, माता को नमन करें।
नवरात्रि के पहले दिन शुभ रंग नारंगी है। नवरात्रि के पहले दिन का नारंगी को शुभ के रूप में इस्तेमाल करें। नारंगी रंग के कपड़े धारण कर पूजा पाठ करें।
Chaitra Navratri 1st day 2025: देवी मां शैलपुत्री को भोग के रूप में ऐसी चीजें अर्पित करें जो गाय के दूध बनी हों तो ऐसा करना अति शुभ होगा। माता शैलपुत्री को दूध चावन और गुड़ से बनी खीर अर्पित करें। पेड़े या अन्य दूध से बनी मिठाइयां माता को अर्पित करें।
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पहला मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नमः
दूसरा मंत्र- या देवी सर्वभूतेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः