Egg in Mid Day Meal: सावन के महीने में मिड डे मील में छात्रों को परोसा अण्डा, गुरुजी ने मीनू बदलकर बनवा दिया ऐसा खाना

Egg in mid day meal: सावन के महीने में मिड डे मील में छात्रों को परोसा अण्डा, गुरुजी ने मीनू बदलकर बनवा दिया ऐसा खाना

Egg in Mid Day Meal: सावन के महीने में मिड डे मील में छात्रों को परोसा अण्डा, गुरुजी ने मीनू बदलकर बनवा दिया ऐसा खाना

Egg in Mid Day Meal: सावन के महीने में मिड डे मील में छात्रों को परोसा अण्डा, गुरुजी ने मीनू बदलकर बनवा दिया ऐसा खाना / Image source: IBC24

Modified Date: July 31, 2025 / 09:24 am IST
Published Date: July 31, 2025 9:24 am IST
HIGHLIGHTS
  • सावन में स्कूली बच्चों को परोसा गया अंडा
  • शिक्षक ने बदलवाया मीनू
  • कई बच्चों को सिर्फ चावल-दाल या सिर्फ चावल मिला

देवेश दुबे,  बलरामपुर: Egg in Mid Day Meal सावन महीने को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है। इस महीने में जहां लोग उपवास कर भगवान भोलेनाथ की भक्ति करते हैं साथ ही मांस-मंदिरा भी सेवन नहीं करते। लेकिन इस बीच सावन के महीने में स्कूली बच्चों को अंडा परोसे जाने का मामला सामने आया है, जिसका हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध जताते हुए कार्रवाई की मांग की है। बताया जा रहा है कि ​स्कूल में शिक्षक के आदेश पर मिड डे मील का मीनू बदल दिया गया था। फिलहाल स्कूल में अंडा परोसे जाने के मामले को लेकर प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

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Egg in Mid Day Meal सामने आए वीडियो में आप देख सकते हैं कि स्कूल में मिड डे मील में दिए जाने वाले भोजन में बच्चों को अंडा परोस कर दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि मध्यान्ह भोजन के लिए कुछ और मीनू तय किया गया था, जिसे स्कूल के ही शिक्षक ने बदल दिया और अंडा बनवाकर परोस दिया। फिलहाल मामला सामने आने के बाद हिंदू संगठन ने इसका विरोध जताया है और कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि ये मामला वाड्रफनगर के  चर्चरी स्थिम माध्यमिक शाला का है।

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दूसरी ओर प्राथमिक शाला चर्चरी में मिड-डे मील में बच्चों को पौष्टिक भोजन की जगह किसी को सिर्फ चावल-दाल तो किसी को सिर्फ चावल पर ही गुजारा करना पड़ रहा है। सरकारी दावों के बावजूद ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है। स्कूल में मिड-डे मील के तहत मिलने वाला भोजन अधूरा है। बच्चों को सब्ज़ी नहीं दी जा रही। कुछ बच्चे सिर्फ चावल और दाल खा रहे हैं, तो कई सिर्फ चावल खाकर ही लौट जा रहे हैं। मामले में शिक्षक स्वयं सहायता समूह की लापरवाही बताते हुए मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं, जबकि शिक्षा विभाग ने मिड-डे मील के गुणवत्ता की सतत निगरानी के लिए विकासखण्ड में जन शिक्षकों की नियुक्ति कर रखी है। फिर भी बच्चों के निवाले पर डांका डाला जा रहा है इस लापरवाही से बच्चों की सेहत पर सीधा असर पड़ रहा है।

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शिक्षा के साथ-साथ पोषण देने वाली योजना खुद बीमार पड़ चुकी है।” ऐसे में विकासखण्ड खण्ड शिक्षा अधिकारी तस्विरों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए शिक्षक और स्वयं सहायता समूह पर कार्रवाई की बात करते नजर आ रहे हैं। अब देखना होगा की सिर्फ किसी छोटे कर्मचारी पर कार्यवाही कर मामले को रफा-दफा कर दिया जायेगा या फिर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिये विभाग कोई बड़ी कार्रवाई करेगा ।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

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"दीपक दिल्लीवार, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 10 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने राजनीति, खेल, ऑटो, मनोरंजन टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें राजनीति, खेल, मनोरंजगन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदार रिपोर्ट पेश की है। दीपक दिल्लीवार, पिछले 5 साल से IBC24 न्यूज पोर्टल पर लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। इन्हें अपनी डेडिकेशन और अलर्टनेस के लिए जाना जाता है। इसी की वजह से वो पाठकों के लिए विश्वसनीय जानकारी के सोर्स बने हुए हैं। वो, निष्पक्ष, एनालिसिस बेस्ड और मजेदार समीक्षा देते हैं, जिससे इनकी फॉलोवर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। काम के इतर बात करें, तो दीपक दिल्लीवार को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है। वो हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस करने में यकीन रखते हैं।"