Bilaspur High Court News: डीएसपी मलखेंद्र सिंह के मामले में सख्त हुआ HC.. कहा, ‘कोई भी समाज संविधान से ऊपर नहीं है, व्यक्तिगत जीवन में दखल बर्दाश्त नहीं’
स पूरे मामले की सुनवाई का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें मुख्य न्यायाधीश समाज के पदाधिकारियों को फटकार लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी के पर्सनल लाइफ में कैसे जा सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान कहा- क्या आप संविधान से ऊपर हैं?
DSP Dr Malkhendra Singh Chhattigsarh News || Image- IBC24 News File
- 🔹 संविधान से ऊपर कोई नहीं – हाईकोर्ट की सख्त फटकार!
- 🔹 अंतरजातीय विवाह DSP का अधिकार, समाज का बहिष्कार असंवैधानिक – कोर्ट
- 🔹 बिलासपुर हाईकोर्ट का दो टूक संदेश – निजी जीवन में दखल नहीं चलेगा!
DSP Dr Malkhendra Singh Chhattigsarh News: बिलासपुर: बिलासपुर हाईकोर्ट ने अंतरजातीय विवाह करने वाले नक्सल आपरेशन में पदस्थ डीएसपी डा. मेखलेंद्र प्रताप सिंह को बहिष्कृत करने की कोशिश करने वालों पर सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, कोई भी समाज संविधान से ऊपर नहीं है और व्यक्तिगत जीवन में दखल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
‘अंतरजातीय विवाह भारतीय संविधान द्वारा मान्य’ : हाईकोर्ट
मामले की सुनवाई करते हुए विद्वान् मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी. डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने सतगढ़ तंवर समाज के पदाधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अंतरजातीय विवाह न सिर्फ भारतीय संविधान द्वारा मान्य है, बल्कि सामाजिक समरसता और समानता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इंटरनेट मीडिया पर कोर्ट की सुनवाई का वीडियो वायरल हो रहा है। बताया जा रहा कि, जब सतगढ़ तंवर समाज के पदाधिकारियों ने डीएसपी व उनके रिश्तेदारों का बहिष्कार किया और इसकी शिकायत बेलगहना पुलिस चौकी में की गई। शिकायत के बाद जांच के लिए कोटा एसडीओपी ने समाज के पदाधिकारियों को बयान के लिए बुला रही थीं, तब समाज की ओर से कोर्ट में याचिका लगाई गई थी कि पुलिस उन्हे तंग कर रही। इस मामले को लेकर सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने समाज के पदाधिकारियों को फटकार लगाते हुए याचिका खारिज कर दी।
‘विवाह करना प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार’ : हाईकोर्ट
DSP Dr Malkhendra Singh Chhattigsarh News: इस पूरे मामले की सुनवाई का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें मुख्य न्यायाधीश समाज के पदाधिकारियों को फटकार लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी के पर्सनल लाइफ में कैसे जा सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान कहा- क्या आप संविधान से ऊपर हैं। विवाह करना प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है। किसी को भी उसके निजी जीवन के आधार पर सामाजिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने याचिका को सिरे से खारिज करते हुए समाज के रवैये को असंवैधानिक, अमानवीय करार दिया।
बता दें, कि डीएसपी डा. मेखलेंद्र प्रताप सिंह, कांकेर जिले में नक्सल आपरेशन में तैनात हैं और वर्तमान में आसमा सिटी, सकरी बिलासपुर में उनका निवास है। उन्होंने सरगुजा जिले के बरगवा गांव की एक युवती से प्रेम विवाह किया, जो कि अंतरजातीय था। इस पर सतगढ़ तंवर समाज के कुछ लोगों ने नाराजगी जाहिर की और समाज की बैठक बुलाकर डीएसपी व उनके परिवार के बहिष्कार का निर्णय ले लिया। इस मामले में कुछ दिन पहले ही पुलिस ने अपराध भी दर्ज किया है।

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