बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की बिलासपुर लोकसभा सीट पर इस बार के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के टारगेट पर यादव वोटर्स हैं। कांग्रेस ने तो देवेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाकर खुद को यादव समाज की सबसे बड़ी हितैषी बता रही है। वहीं बीजेपी भी सम्मेलनो के जरिये यादव वोटर्स में सेंधमारी की जुगत हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए बिलासपुर में सियासी बिसात बिछ चुकी है। जीत के लिए तमाम गुणा भाग और मोर्चाबंदी हो रही है। खास तौर पर सियासी पार्टियां जाति समीकरण को साधने पर सबसे ज्यादा फोकस कर रही है। बिलासपुर में जाति समीकरण की बात करें तो इस सीट पर ओबीसी वर्ग का बड़ा दखल है। करीब 50 फीसदी मतदाता यहां ओबीसी वर्ग के हैं इसमें सबसे ज्यादा आबादी साहू समाज की है। दूसरे नंबर पर यादव समाज हैं। ऐसे में जब बीजेपी ने साहू वोटर्स को साधने तोखन साहू को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने यादव कार्ड खेलते हुए देवेंद्र यादव को टिकट दिया है। हालांकि बीजेपी यादव वोटर्स में सेंधमारी के लिए भी तमाम जुगत कर रही है।
बिलासपुर की चुनावी बिसात पर कांग्रेस-भाजपा दोनों यादव समाज को लेकर आमने सामने हैं। कांग्रेस यादव समाज से प्रत्याशी उतारकर खुद को यादव समाज का हितैषी बता रही है तो भाजपा का कहना है, यादव समाज का मत एक बार फिर भाजपा के पक्ष में होगा। बहरहाल बिलासपुर की बाजी में यादव वोटर्स निर्णायक हैं। इस बार यादव वोटर्स का आशीर्वाद जिसके पक्ष में, जनादेश भी उसी को मिलेगा।