CM’s statement on reservation bill: : रायपुर। राज्यपाल की भूमिका की समीक्षा होनी चाहिए और यह भी तय होना चाहिए की विधानसभा से पारित विधेयक को राज्यपाल कितने दिन रोक सकते हैं। मुख्यमंत्री के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने पलटवार किया है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है । भविष्य में ऐसी कोई चर्चा होगी कोई निर्णय होगा तो अलग बात है ।
वहीं वरिष्ठ भाजपा नेता एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भूपेश बघेल जिस राज्यपाल ने आपको शपथ दिलाई, जिस संविधान के तहत अब मुख्यमंत्री बने हैं आप उसी पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि क्या संविधान और राज्यपाल के अधिकार आपकी सुविधानुसार होंगे? बृजमोहन ने कहा कि राज्यपाल के अधिकारों की समीक्षा की बात कहकर आप संविधान का अपमान कर रहे हैं। इसका अधिकार अगर किसी को है तो राष्ट्रपति को है, संसद को है, और आप तो अपने आप को राष्ट्रपति और संसद, संविधान से ऊपर मानने लगे हैं।
CM’s statement on reservation bill: : बृजमोहन अग्रवाल ने सीएम भूपेश बघेल से कहा कि आपके अधिकारों की समीक्षा कौन करेगा? आप राज्यपाल के खिलाफ बोल देते हैं, संविधान के खिलाफ बोल देते हैं। कभी नेहरू जी ने, इंदिरा जी ने, नरसिम्हा राव जी ने भी इस प्रकार की बात नहीं की।
बता दें कि आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल का हस्ताक्षर अब तक नहीं हुआ है इस मामले पर CM भूपेश बघेल का बड़ा बयान सामने आया है। सीएम ने कहा कि राजभवन की भूमिका की समीक्षा होनी चाहिए, राज्यपाल विधेयक को कितने दिन रोक सकते हैं? सीएम ने कहा कि जनता से जुड़े मुद्दों को क्यों रोका जा रहा है ? इसके कारण युवाओं को नौकरी, भर्तियों में परेशानी हो रही है।
गौरतलब है कि प्रदेश में 76 फीसदी आरक्षण का विधेयक विधानसभा में पास होने के बाद से राज्यपाल के यहां रुका हुआ है, ये मामला पूर्व राज्यपाल अनुसुईया उइके के समय से अधर में हैं, नए राज्यपाल आने के बाद यह उम्मीद जताई जा रही थी कि शायद विधेयक पर हस्ताक्षर होंगे लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो पाया है।
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