रायपुर, 22 मई (भाषा) छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवाद विरोधी अभियान के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक ‘कोबरा’ कमांडो की बृहस्पतिवार को जान चली गई जबकि मुठभेड़ में एक नक्सली भी मारा गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती तुमरेल क्षेत्र में माओवादियों की उपस्थिति की सूचना पर बुधवार को सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन, सुकमा जिले का जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और एसटीएफ के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान पर रवाना किया गया था।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान आज सुबह से सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच रूक-रूक कर गोलीबारी जारी है।
अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ स्थल की तलाशी लेने पर अब तक एक कट्टर माओवादी का शव, हथियार और अन्य माओवादी सामान बरामद किया गया है।
उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में सीआरपीएफ की कमांडो बटालियन फॉर रेज़ोल्यूट एक्शन (कोबरा) इकाई की 210वीं वाहिनी के जवान मेहुल सोलंकी की गोली लगने से जान चली गई। कमांडो सोलंकी गुजरात के रहने वाले थे।
अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में कोबरा बटालियन के तीन अन्य जवान घायल हो गए हैं और उन्हें निकालने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली गई और घायलों को रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, तथा वह खतरे से बाहर हैं।
‘कोबरा’ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक विशेष इकाई है, जिसे वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों में तैनात किया गया है।
केंद्र सरकार द्वारा अगले वर्ष मार्च तक नक्सल समस्या को समाप्त करने की घोषणा को देखते हुए सुरक्षा बल वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों में लगातार अभियान चला रहे हैं। छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र उनके अभियान का मुख्य क्षेत्र बना हुआ है।
नारायणपुर-बीजापुर जिले की सीमा पर अबूझमाड़ के जंगलों में बुधवार को छत्तीसगढ़ पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के साथ मुठभेड़ में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू (70) समेत 27 नक्सली मारे गए।
भाषा सं संजीव नोमान
नोमान
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)