Danteshwari Corridor Scam: मां दंतेश्वरी मंदिर कॉरिडोर निर्माण में सामने आई बड़ी गड़बड़ी.. चहेतों को बांटे गए करोड़ो के काम, BJP हुई मुखर..
बस्तर की आराध्य देवी के नाम पर गडबडी का ये पहला मामला है। पूर्व शासनकाल में इन्हीं आधे अधूरे कार्यों का लोकार्पण पूर्व सीएम से कराया गया है। तमाम तरीके की गड़बड़ियां सामने आने के बाद भाजपा एक्शन मोड में आ सकती है।
Bastar Danteshwari Corridor Scam
दंतेवाड़ा: जिले में गड़बड़ियों का वो आलम है कि यहां भ्रष्टाचारी बस्तर की आराध्य देवी को भी नहीं बख्श रहे है। मां दंतेश्वरी मंदिर कोरीडोर निर्माण में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ियां की जा रही है। ऐसा नहीं है कि कलेक्टर को इस बात की जानकारी न हो, शहर में हो रहे इस काम में शिकायतें सामने आने के बाद भी कोई जांच नहीं की गयी। नियम विरूद्ध आरईएस को निर्माण एजेंसी बनाया गया और चहेते फर्म कृष्णा इंटरप्राईजेस को काम देने के लिये कार्य के टुकडे भी किये।
दरअसल दंतेवाडा में बीते कुछ दिनों दंतेश्वरी कॉरीडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसी प्रोजेक्ट के तहत मंदिर के समक्ष डंकिनी नदी के तट पर रिटेनिंग वाल का निर्माण किया जा रहा है। डेढ सौ मीटर लंबी, चार मीटर उंची वाल का निर्माण किया जा रहा है। इसकी लागत 19 करोड 54 लाख रूपये हैं, लेकिन इस वाल का निर्माण चहेते ठेकेदार से करवाने आरईएस ने कार्य के 46 टुकडे कर दिये। आरईएस ने गोपनीय तरीके से टेंडर कराया और कृष्णा इंटरप्राईजेस का इसका वर्क आर्डर दे दिया। इस काम के 46 टुकडे इसलिये किये गये क्योंकि आरईएस के ईई के पास 50 लाख के अंदर ही कार्यों का तकनीकी स्वीकृति का अधिकार होता है। 19 करोड़ के इस कार्य का टेंडर एक साथ निकाला जा सकता था लेकिन इसके लिये फाईल उच्चाधिकारियों के पास भेजनी होती। उच्चाधिरियों को इसकी भनक न लगे, आरईएस के ईई आर के ठाकुर ने 50 लाख के अंदर के ही फाईल तैयार करवाये और कार्यादेश जारी कर दिया।
इधर हैरत की बात ये भी है कि सारे टुकडों के टेंडर एक साथ लगा दिये नियमतः सभी टुकड़ों के अलग -लग टेंडर जारी करने थे और अलग-अलग वर्क आर्डर जारी करने थे। इस संबंध में जब आईबीसी 24 की टीम ने सवाल किया तो वे जवाब देने से बचते रहे। उन्होने ये माना कि सभी कार्यादेश एक साथ दिये गये है जबकि तकनीकी स्वीकृति और प्रशासकीय स्वीकृति अलग अलग हुई है।
इन तमाम गडबडियों के बीच प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। शहर के हृदय स्थल में मां दंतेश्वरी के नाम पर किये जा रहे गड़बड़ियों के बीच प्रशासन ने जांच तक कराना उचित नहीं समझा। इधर भाजपा के मंत्री केदार कश्यप ने इस मामले में जांच कराने की बात कही है। उन्होने कहा कि दस्तावेजों का अवलोकन किया जायेगा, जहां भ्रष्टाचार किया जा रहा है, वहां कार्रवाई भी की जायेगी।
बस्तर की आराध्य देवी के नाम पर गडबडी का ये पहला मामला है। पूर्व शासनकाल में इन्हीं आधे अधूरे कार्यों का लोकार्पण पूर्व सीएम से कराया गया है। तमाम तरीके की गड़बड़ियां सामने आने के बाद भाजपा एक्शन मोड में आ सकती है। देखना होगा कि कब मांई जी के गुनहगारों को उनके किये की सजा मिलती है।

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