CG Politics : लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में बढ़ा BJP का कुनबा, कबीर पंथ के प्रसिद्ध संत ने थामा बीजेपी का दामन, CM साय ने दिलाई सदस्यता

लोकसभा चुनाव से पहले बढ़ा BJP का कुनबा: Kabir Sant Devkar Saheb took membership of BJP in Mahasamund

CG Politics : लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में बढ़ा BJP का कुनबा, कबीर पंथ के प्रसिद्ध संत ने थामा बीजेपी का दामन, CM साय ने दिलाई सदस्यता
Modified Date: April 3, 2024 / 03:55 pm IST
Published Date: April 3, 2024 3:54 pm IST

महासमुंद: Kabir Sant Devkar Saheb Join BJP छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। कांग्रेस नेता अपनी पार्टी छोड़ बीजेपी में तो आ ही रहे हैं। साथ ही साथ प्रदेश के प्रतिष्ठित लोग भी भाजपा का दामन थाम रहे हैं।

Read More : SP Leader Video Viral: “बाबा तेरे टुकड़े करवा देंगे..” सपा नेता ने भरे मंच से बीजेपी सांसद को दी धमकी, वीडियो वायरल

Kabir Sant Devkar Saheb Join BJP इसी बीच अब छत्तीसगढ़ में कबीर पंथ के प्रमुख संत देवकर साहेब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। उनके साथ उनके सैकड़ों शिष्यों ने भी भाजपा का दामन थामा। बुधवार को महासमुंद में आयोजित भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी रूपकुमारी चौधरी के नामांकन रैली में पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सभी को सदस्यता दिलाई।

 ⁠

Read More : INDIA Alliance News: इण्डिया गठबंधन के इस बड़े नेता ने भी किया लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार.. बताया गया तबीयत ठीक नहीं

छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में चुनाव

छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में मतदान होगा जिसमें पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को मतदान होगा, 26 अप्रैल को दूसरे और सात मई को तीसरे चरण में छत्तीसगढ़ में मतदान होगा और चार जून को नतीजे आएंगे।

IBC24 का लोकसभा चुनाव सर्वे: देश में किसकी बनेगी सरकार ? प्रधानमंत्री के तौर पर कौन है आपकी पहली पसंद ? क्लिक करके जवाब दें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।