Katghora Dhram Parivartan Case: घर पर चर्च लगाकर सभा-प्रार्थना के बहाने धर्मांतरण का आरोप.. मसीही समाज के प्रमुख ने कहा ‘हमारा कोई लेना-देना नहीं’

Katghora Dhram Parivartan Case घर पर चर्च सजाकर सभा-प्रार्थना के बहाने धर्मांतरण का आरोप.. मसीही समाज के प्रमुख ने कहा 'हमारा कोई लेना-देना नहीं"

Katghora Dhram Parivartan Case: घर पर चर्च लगाकर सभा-प्रार्थना के बहाने धर्मांतरण का आरोप.. मसीही समाज के प्रमुख ने कहा ‘हमारा कोई लेना-देना नहीं’

Katghora Dhram Parivartan Case

Modified Date: October 8, 2023 / 11:43 pm IST
Published Date: October 8, 2023 11:28 pm IST

कोरबा: ‘रविवार को जो कुछ भी प्रकरण सामने आएं है वह खेदजनक है, चिंताजनक है। कटघोरा का मसीही समाज इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है। धार्मिक प्रार्थना से अगर किसी भी आम जनमानस को समस्या होती है तो ऐसी प्रार्थना का कोई औचित्य नहीं। परमेश्वर भी ऐसी प्रार्थना को स्वीकार नहीं करता। यह तमाम बातें कही है कटघोरा मसीही समाज के प्रमुख और मसीही नेशनल जनरल कांफ्रेंस कटघोरा के पूर्व सेक्रेटरी और मौजूदा पंच सुरेंद्र गीर ने। उन्होंने धर्मांतरण के मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि अगर कोई स्वेच्छा से ईसाई धर्म में प्रवेश करता है तो उसका स्वागत है लेकिन उसे किसी अन्य तरीके से धर्म में शामिल करने के खिलाफ है। कटघोरा का मसीही समाज 100 सालों से संगठित है। विशेष प्रार्थनाओं के लिए सर्वसुविधायुक्त चर्च है, जहां सभाएं होती है लेकिन आज के प्रकरण से ना उनका और न ही उनके समाज का कोई सम्बन्ध है। वह ऐसे किसी भी कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करते है।

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दरअसल वनांचल और आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले के कटघोरा क्षेत्र में दबे पांव धर्मातरण के मामले सामने आते रहे है। प्रार्थना और चंगाई सभाओं के नाम पर भोलेभाले आदिवासियों, अनुसूचित समाज के गरीब परिवारों का मतांतरण किये जाने कि शिकायत पुलिस और प्रशासन से अक्सर की जाती रही है। वही अब नगरीय क्षेत्र में भी इस तरह की गतिविधियों ने फिर से धर्मान्तरण के इस विवाद गहरा कर दिया है।

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हर इतवार जुटती है भीड़

ताजा मामला कटघोरा नगरपालिका क्षेत्र के तहसील भांठा के वार्ड क्रमांक 02 का है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहाँ के एक परिवार ने रहवासी इलाके के बीच अपने घर को चर्च में तब्दील कर लिया है। इतना ही नहीं बल्कि यहाँ हरदिन प्रार्थना, सभा का आयोजन कराया जा रहा है। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि एक तरफ सभा के नाम पर शोर-शराबा से सभी नागरिक परेशान है तो दूसरी तरफ पैसे और गिफ्ट का लालच देकर गरीब परिवारों का खुलेआम धर्मांतरण कराया जा रहा है। यहाँ हर इतवार बड़े पैमाने पर भीड़ भी जुटती है जिनमे बुजुर्ग से लेकर महिलायें और मासूम बच्चे भी शामिल होते है। इन्हे धार्मिक प्रवचन दिया जाता है।

तेज आवाज से पूरा इलाका परेशान

बताया गया कि सालों से जारी इस गतिविधि को लेकर पूर्व में भी शिकायत की गई थी। 8 अक्टूबर की दोपहर सन्डे सभा के नाम पर फिर से घर यानि चर्च पर लोगों का जमावड़ा हुआ और सभा का आयोजन किया जाने लगा। तेज आवाज में जारी इस सभा के शुरू होते ही मोहल्लेवासियों का गुस्सा फूट पड़ा और सभी इस कथित चर्च के सामने जा पहुंचे। हंगामा होता देख इसकी सूचना फ़ौरन कटघोरा पुलिस को दी गई। हालात की गंभीरता को देखते हुए मौके पर पहुंची पुलिस ने बीच बचाव किया और फिर नाराज लोगों को समझाइस दी। नाराज लोग इस बात पर अड़े रहे कि सभा को बंद कराया जाएं और इस पूरी संदिग्ध गतिविधि पर रोक लगाईं जाएँ। वार्ड के लोगों की नाराजगी को देखते हुए चर्च में जुटे लोगों को पुलिस ने अपनी मौजूदगी में बाहर निकाला और उन्हें वापिस सुरक्षित घर भेजा। बहरहाल इस पूरे प्रकरण को देखते हुए मोहल्ले में पुलिस अपनी मौजूदगी बनाये हुए है।

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पास्टर खुद धर्मान्तरित

इस पूरे विवाद के बीच जिस शख्स का नाम सामने आ रहा है उसके बारे में बताया गया कि वह खुद भी धर्मान्तरित है। करीब तीन-चार वर्ष पूर्व उसने ईसाई धर्म अपना लिया था और खुद को पास्टर घोषित करते हुए अपने घर को चर्च में तब्दील कर लिया था। कथित पास्टर का घर रहवासी क्षेत्र में मौजूद है जहाँ आसपास विभिन्न धर्मो को मानने वाले परिवार निवासरत है। उनका कहना हैं कि हर दिन होने वाली धार्मिक सभाओं में तेज आवाज में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल होता है। हैरानी की बात यह भी है कि यहाँ जुटने वाले लोग भी बाहर से आते है।

पुलिस ने कहा रजामंदी से मामले की सुलह

इस पूरे प्रकरण पर अनुविभाग के एसडीओपी पंकज ठाकुर से भी चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि मामला सीधे तौर धर्मांतरण से नहीं बल्कि सभा और शोरगुल से जुड़ा है। शिकायत मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी और फिर आपसी रजामंदी, सुलह से प्रकरण का पटाक्षेप कर लिया गया है। शांति और कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए कटघोरा पुलिस पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown