Korba Crime News: कोरबा में सगे भाइयों की शातिराना ठगी.. पहले करते थे खरीदी फिर, भुगतान के नाम पर थमा देते थे फर्जी चेक, ऐसे हुआ खुलासा..
इस घटना के बाद पुलिस ने व्यवसायियों से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति चेक से भुगतान करता है, तो पहले उसकी सत्यता की जांच कर लें। इससे फर्जी चेक या बाउंस चेक की स्थिति में होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है।
Korba Latest Crime News in Hindi || Image- IBC24 News File
- कोरबा में दो भाइयों की धोखाधड़ी, फर्जी चेक से व्यवसायियों को ठगने का मामला उजागर
- पुलिस जांच में खुलासा, रक्षक और राज गोयल के खिलाफ पहले से जारी थे वारंट
- व्यवसायियों को पुलिस की अपील, चेक से भुगतान लेने से पहले करें सत्यापन
Korba Latest Crime News in Hindi: कोरबा: शहर में रहने वाले दो सगे भाई, रक्षक गोयल और राज गोयल, व्यवसायियों से कीमती सामान खरीदकर बदले में चेक देते थे। जब तक व्यवसायियों को चेक के फर्जी होने की जानकारी मिलती, तब तक वे खरीदे गए सामान को औने-पौने दामों में बेच देते थे। पुलिस को लगातार इस तरह की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद जांच में सामने आया कि दोनों के खिलाफ पहले से ही कई मामले दर्ज हैं। इन मामलों में कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ वारंट भी जारी किए गए थे। पुलिस ने वारंट की तामील करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है।
लगातार मिल रही थी शिकायतें
पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी को लगातार शिकायत मिल रही थी कि रक्षक और राज गोयल व्यवसायियों से सामान खरीदकर चेक के जरिए भुगतान करते हैं। जब व्यवसायी चेक को बैंक में जमा करते, तो वह फर्जी निकलता था। जब व्यवसायी अपने पैसे या सामान की मांग करते, तो उन्हें धमकाया जाता था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने इसकी जांच के आदेश दिए।
पुलिस जांच में सामने आई सच्चाई
Korba Latest Crime News in Hindi: सिविल लाइन पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि रक्षक गोयल के खिलाफ पहले से ही कोर्ट में चेक धोखाधड़ी से जुड़े मामले लंबित हैं। वह लगातार कोर्ट में पेश नहीं हो रहा था, जिस कारण उसके खिलाफ तीन वारंट जारी किए गए थे। वहीं, मानिकपुर पुलिस चौकी में राज गोयल के खिलाफ भी वारंट जारी था।
पुलिस ने दोनों भाइयों की तलाश शुरू की और उन्हें अग्रोहा मार्ग और मुक्तिधाम मार्ग, पोंड़ी बहार इलाके से पकड़ लिया। इसके बाद उन्हें पुलिस थाने लाया गया और गिरफ्तारी वारंट की तामील कराते हुए कोर्ट में पेश किया गया। इस घटना के बाद पुलिस ने व्यवसायियों से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति चेक से भुगतान करता है, तो पहले उसकी सत्यता की जांच कर लें। इससे फर्जी चेक या बाउंस चेक की स्थिति में होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है।

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