Anti Naxal Operation Chhattisgarh: नक्सलियों को फिर सताया डर, केंद्र सरकार से लगाई शांति की गुहार, पांचवीं बार जारी किया पत्र |

Anti Naxal Operation Chhattisgarh: नक्सलियों को फिर सताया डर, केंद्र सरकार से लगाई शांति की गुहार, पांचवीं बार जारी किया पत्र

Anti Naxal Operation Chhattisgarh: नक्सलियों को फिर सताया डर, केंद्र सरकार से लगाई शांति की गुहार, पांचवीं बार जारी किया पत्र

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Modified Date: May 14, 2025 / 07:01 PM IST
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Published Date: May 14, 2025 6:57 pm IST
HIGHLIGHTS
  • करेगुट्टा ऑपरेशन के बाद नक्सली वार्ता के लिए तैयार, बोले – “हथियार छोड़ने को हैं राज़ी”
  • 26 नक्सलियों की मौत की माओवादियों ने भी की पुष्टि
  • केंद्र सरकार से गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया की मांग, कहा – “सरकार अपनी स्थिति साफ करे”

बीजापुर: Anti Naxal Operation Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में इन दिनों सबसे बड़े माओवादी विरोधी ऑपरेशन की खूब चर्चा हो रही है। लंबे समय से माओवाद प्रभावित इलाकों में सक्रिय सुरक्षा बलों ने करेगुट्टा की पहाड़ियों में चलाए गए इस ऑपरेशन के जरिए एक के बाद एक बड़ी सफलताएं हासिल की हैं इस ऑपरेशन को माओवादियों के गढ़ माने जाने वाले करेगुट्टा क्षेत्र में चलाया जा रहा है। जिसमें सुरक्षाबलों को अब तक कई बड़े सफलता भी मिली है। तो वहीं दूसरी ओर सुरक्षाबलों के इस ऑपरेशन का डर लगातार नक्सलियों पर मंडरा रहा है। ​नक्सली इस डर से लगातार एक के बाद एक सरकार को पत्र लिखकर शांति वार्ता का अनुरोध कर रहे हैं। इसी बीच एक बार फिर माओवादियों ने पीएम मोदी के नाम से एक पत्र जारी किया है।

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Anti Naxal Operation Chhattisgarh इस बार खुद माओवादी संगठन के केंद्रीय प्रवक्ता अभय ने पत्र जारी कर केंद्र सरकार से अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि माओवादी संगठन हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आने को तैयार है, लेकिन शांति वार्ता के लिए केंद्र की मोदी सरकार तैयार हैं या नहीं, वो अपनी स्थिति स्पष्ट करें।

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अभय ने अपने बयान में कहा, “हमने पहले भी चार बार खत लिखकर शांतिवार्ता की बात रखी है, लेकिन अब तक केंद्र की तरफ से कोई साफ जवाब नहीं आया। इस बार हम केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से स्पष्ट प्रतिक्रिया की उम्मीद करते हैं। उनकी बात से ही पता चलेगा कि सरकार वास्तव में शांति चाहती है या नहीं।”

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अभय ने ये भी स्वीकार किया कि छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर 26 नक्सली मारे गए हैं। उन्होंने इसे एकतरफा कार्रवाई बताया और कहा कि लगातार हो रही सुरक्षा घेराबंदी के कारण संगठन कोई बैठक तक नहीं कर पा रहा है।

“करेगुट्टा ऑपरेशन क्या है?”

यह छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित करेगुट्टा क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा चलाया गया सबसे बड़ा माओवादी विरोधी अभियान है।

“नक्सली वार्ता के लिए तैयार हैं या नहीं?”

माओवादी संगठन के प्रवक्ता अभय ने बयान में कहा है कि वे हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आने को तैयार हैं, बशर्ते केंद्र वार्ता के लिए तैयार हो।

“करेगुट्टा ऑपरेशन में कितने नक्सली मारे गए?”

माओवादी संगठन ने खुद स्वीकार किया है कि इस ऑपरेशन में 26 नक्सली मारे गए हैं।