#SarkarOnIBC24: अब सीधे कंपनियों से विदेशी शराब की खरीदी करेगी छत्तीसगढ़ सरकार, क्या वाकई करप्शन प्रूफ है ये नया सिस्टम?

अब सीधे कंपनियों से विदेशी शराब की खरीदी करेगी छत्तीसगढ़ सरकार, Now Chhattisgarh government will buy foreign liquor directly from companies

#SarkarOnIBC24: अब सीधे कंपनियों से विदेशी शराब की खरीदी करेगी छत्तीसगढ़ सरकार, क्या वाकई करप्शन प्रूफ है ये नया सिस्टम?

Chhattisgarh government


Reported By: Rajesh Raj,
Modified Date: June 21, 2024 / 12:28 am IST
Published Date: June 20, 2024 11:55 pm IST

रायपुरः साय सरकार ने आबकारी विभाग के सिस्टम से FL-10 लाइसेंस को हटाकर, शराब खरीदी-बिक्री का नया प्लान तैयार कर लिया है। दावा है कि इससे बिचौलियों का सिंडिकेट असरहीन होगा और लोगों को क्वालिटी प्रोडक्ट सही दाम पर मिलेंगे। विपक्ष का दावा है साय सरकार ने पूरे भ्रष्टाचार तंत्र का सरकारीकरण करने की तैयारी कर ली है।

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पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान का आबकारी घोटाला लगातार सुर्खियों में रहा। आरोप है कि तब सरकारी सिस्टम के समानांतर लिकर सिंडिकेट ने 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला किया। जिसके चलते कई IAS और कारोबारी जेल की हवा खा रहे हैं तो कईयों पर ED-EOW के एक्शन की तलवार लटक रही है। साय सरकार ने तय किया है कि छत्तीसगढ़ बेवरेज कॉर्पोरेशन अब सीधे निर्माता कंपनियों से विदेशी शराब खरीदेगा यानि अब से बिचौलियों द्वारा शराब की सरकारी दुकानों पर सप्लाई का सिस्टम बंद होगा। दावा है कि इससे करप्शन पर फुलस्टॉप लगेगा साथ ही सरकारी खजाने की कमाई बढेगी। इधर, सरकार के दावे के उलट कांग्रेस नेता साय कैबिनेट कि इस फैसले को भ्रष्टाचारी तंत्र का सरकारीकरण बता रहे हैं।

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अनुमान के मुताबिक सालभर में छत्तीसगढ़ में करीब 11 हजार करोड़ रुपये की शराब बिकेगी, जिसका 80 फीसदी, यानी 8800 करोड़ रुपये की देसी शराब तो ढाई हजार करोड़ रुपये की विदेशी शराब है। अभी तक जारी सिस्टम के तहत बिचौलिए बाहरी निजी कंपनियों से शराब खरीदकर, सरकारी शराब बिक्री काउंटर्स पर सप्लाई करते थे, जिसके लिए सरकार 3 से 4 चुनिंदा लोगों को FL-10 लाइसेंस जारी करती थी। आरोप है कि सरकारी तंत्र को सेट कर ये बिचौलिए मोनोपॉली के जो कंपनी इन्हें ज्यादा कमीशन देता उन्हीं का माल सरकारी आउटलेट्स पर दिया करते थे। नतीजा ये कि सरकारी खजाने को चूना लगता और प्रदेश के लोगों को अच्छे ब्रांड की जगह घटिया क्वालिटी की शराब मिलती थी। साय सरकार ने FL-10 लाइसेंस सिस्टम खत्म करते हुए दावा किया है कि अब से प्रदेश में सभी ब्रांडेड शराब सही और कम दाम पर उपलब्ध होगी…सवाल ये है क्या ये फैसला जल्द लागू हो पाएगा। क्योंकि कुछ ही महीने पहले ही सरकार ने FL-10 लाइसेंस जारी किए हैं, सप्लायर्स का सरकार से एक साल का एग्रीमेंट हो चुका है,ऐसे में सप्लायर्स इसे कोर्ट में चैलेंज कर सकते हैं, बताया जाता है इसके लिए सरकार हाईकोर्ट में कैविएट दायर करने की तैयारी में है। सबसे बड़ा सवाल है कि शराब खरीदी-बिक्री का ये नया सिस्टम क्या वाकई करप्शन प्रूफ है?

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लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।