Dussehra 2024: यहां पुतला दहन नहीं बल्कि ईष्ट देवता के रूप में पूजा जाता है रावण, माना जाता है गांव का रक्षक, जानें क्या है इसके पीछे की वजह
Dussehra 2024: यहां पुतला दहन नहीं बल्कि ईष्ट देवता के रूप में पूजा जाता है रावण, माना जाता है गांव का रक्षक, जानें क्या है इसके पीछे की वजह
Dussehra 2024
रायगढ़। Dussehra 2024: जहां देश भर में दशहरे का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर रावण दहन के साथ मनाया जाता है। वहीं मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के गांव भाटखेड़ी में रावण को पूजनीय माना जाता है और यहां पर रावण के पुतले का दहन न करते हुए यहाँ के लोग रावण की पूजा करते है। यहां के ग्रामीण करीब 100 वर्षों से रावण की पूजा करते आ रहे हैं। ग्रामीणों का ऐसा दावा है कि रावण उनकी मन्नतों को पूरी करता है। ग्रामीणों ने बताया कि, जब कभी गांव में कोई विपत्ति आती है तो वे लोग रावण के पास मन्नते करते हैं और रावण उन विपत्तियों को दूर करता है।
दरअसल, राजगढ़ जिले के इस गांव भाटखेड़ी में रावण की पूजा के बारे में जब हमने ग्रामीणों से बात की तो ग्रामीणों ने बताया कि, करीब 100 वर्षों से यह परंपरा उनके गांव में पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। जहां दशहरे पर रावण का पुतला दहन ना करते हुए । रावण की पूजा की जाती है और ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि बिलकुल ऐसा ही उनके पूर्वज भी किया करते थे। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि रावण प्रखंड पंडित था और जब रामेश्वरम से लंका तक राम भगवान को रामसेतु बनाने के पूर्व भगवान रामेश्वरम की पूजा अर्चना करनी थी। तो शास्त्रों के अनुसार उन्होंने भी रावण को ब्राह्मण के तौर पर पूजा के लिए बुलाया था और रावण शास्त्रों का ज्ञाता वहां एक विद्वान पंडित था इसी वजह से इस गांव भाटखेड़ी के लोग रावण की पूजा अर्चना करते हैं।
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