रायपुर। कर्नाटक कैबिनेट ने एंटी कनवर्जन बिल को रद्द करने का फैसला किया है। इस मामले पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल का बयान सामने आया है। सीएम ने कहा है कि कानून में कई कंडिकाए और शर्ते होती है। इसके बारे में बिना पूरी जानकारी के मैं टिप्पणी नहीं कर सकता। छत्तीसगढ़ में भी साल 2006 में ऐसा ही बिल पास हुआ था, जो अब तक राष्ट्रपति के पास अटका हुआ है। सीएम ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा लोगों को गुमराह करना बन्द करें। ये देश की समस्या है, सीधे केंद्र कानून बनाकर लागू करें।
कर्नाटक में एंटी कनवर्जन बिल रद्द होने के फैसले पर बीजेपी सांसद ने साधा निशाना, कहा- ‘चुनावी मौसम में हिन्दुत्व का चोला पहन लेती है कांग्रेस..’
इधर बीजेपी सांसद संतोष पाण्डेय का बयान भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कांग्रेस का दोहरा चरित्र सामने आ गया है। कर्नाटक सरकार के निर्णय से साबित हो चुका है कि कांग्रेसी मौसमी हिंदू है। सांसद ने कहा कि चुनावी मौसम में कांग्रेस हिदुत्व का चोला पहन लेती है। अब कर्नाटक में धर्मांतरण की खुली छूट होगी और खुलेआम धर्मांतरण कराया जा सकता है। इस कानून का क्रिश्चियन मिशनरी ने विरोध किया था।
बता दें कि कर्नाटक कैबिनेट ने धर्मांतरण रोधी कानून को रद्द करने का फैसला किया है। इस कानून को राज्य की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने लागू किया था। इस कानून को रद्द करने के लिए सरकार विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्ताव लेकर आएगी। कर्नाटक विधानसभा सत्र तीन जुलाई से शुरू हो रहा है। कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री एचके पाटिल ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि कैबिनेट में धर्मांतरण विरोधी कानून पर चर्चा हुई। जिसमें 2022 में बीजेपी सरकार द्वारा लाए गए इस बिल को रद्द करने का फैसला किया है। कर्नाटक धर्मांतरण विरोधी कानून 2022 को कांग्रेस के विरोध के बावजूद बीजेपी सरकार ने लागू किया था। इस कानून के तहत एक धर्म से दूसरे धर्म में जबरन, किसी के प्रभाव में या बहकाकर धर्म परिवर्तन कराना गैरकानूनी बताया गया है।
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