Hareli Festival 2023: क्या है हरेली पर्व के पीछे की सीख? जाने क्यों है यह पर्व किसानों के लिए ख़ास..

Hareli Festival 2023: क्या है हरेली पर्व के पीछे की सीख? जाने क्यों है यह पर्व किसानों के लिए ख़ास..

Chhattisgarh Hareli Lok Parva 2023

Modified Date: July 16, 2023 / 11:06 pm IST
Published Date: July 16, 2023 11:03 pm IST

रायपुर : 17 जुलाई को इस साल का हरेली पर्व मनाया जाएगा। यह छत्तीसगढ़ प्रदेश का अति महत्वपूर्ण लोकपर्व में से एक हैं जिसका सीधा सम्बन्ध प्रकृति और कृषि से हैं। सावन महीने में अमावस्या पर छत्तीसगढ़ में लोक पर्व हरेली धूमधाम से मनाया जाता है। (Chhattisgarh Hareli Lok Parva 2023) हालांकि यह किसी एक पारम्परिक रीति से बंधा नहीं है यानि हरेली समूचे छत्तीसगढ़ में मनाया जाता हैं यद्यपि इसे मनाने के तरीको में भी अनेक तरह की भिन्नता हैं। बावजूद इसके हरेली पर्व हर किसी के लिए प्रकृति से जुड़ा पर्व हैं। वर्षाकाल के शुरुआत के साथ जब धरती ग्रीष्म की शुष्कता को पीछे छोड़कर हरियाली की तरफ अग्रसर होती हैं और धरती वर्षा के बूंदो के साथ आलिंगन करती हैं तब यह पर्व हरेली मनाया जाता हैं।

हरेली त्यौहार क्यों मनाया जाता है, क्या है इसकी मान्यताएं? 

हरेली से सीख

भारत में बहुत से त्यौहार मनाये जाते हैं पूरी दुनिया में भारत को पारंपरिक और सांस्कृतिक उत्सव के देश के रुप में अच्छी तरह से जाना जाता है क्योंकि ये बहुधर्मी और बहुसंस्कृति का देश है। भारत में कोई भी हर महीने उत्सवों का आनन्द ले सकता है। यह एक धर्म, भाषा, संस्कृति और जाति में विविधताओं से भरा धर्मनिरपेक्ष देश है, ये हमेशा मेलों और त्योहारों के उत्सवों में लोगों से भरा रहता है। हर धर्म से जुड़े लोगों के अपने खुद के सांस्कृतिक और पारंपरिक त्योहार है।

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पूरे राष्ट्र में सभी धर्मों के लोगों द्वारा कुछ पर्व मनाये जाते हैं। ये अपने पीछे के महत्वपूर्ण इतिहास, रीति रिवाज और विश्वास के अनुसार अलग अंदाज में हर एक पर्व को मनाते हैं। हर एक उत्सव का अपना एक इतिहास, पौराणिक कथाएँ और मनाने का विशेष महत्व है। इसी तरह हरेली का सीधा सम्बन्ध प्रकृति, प्रकृति के रक्षण, संरक्षण और संवर्धन से हैं। (Chhattisgarh Hareli Lok Parva 2023) हरेली से प्रकृति की रक्षा और उसकी देखभाल की सीख मिलती हैं। पर्यावरण को संतुलित रक्षणे की सबसे बड़ी जिम्मेदारी मानवो की हैं। चूंकि वे इसका भक्षण और उपभोग करते हैं अतः इसे पल्ल्वित करने में भी मानवों को सबसे आगे रहने की आवश्यकता हैं।

हरेली को छत्तीसगढ़ का पहला त्योहार क्यों कहा जाता है, किसानों से क्या है इस त्योहार का नाता?

किसानो के लिए क्यों हैं महत्वपूर्ण?

हरेली किसानो के लिए कृषि कार्य के प्रारम्भ का संकेत हैं। यह संकेत हैं की सूखी धरती अब वर्षा के जल से तर हो चुकी है और कृषक अपने खेतो में कृषि कार्य प्रारम्भ कर सकते हैं। चूंकि देश और प्रदेश का किसान अपने कृषि कार्य के लिए मानसून अथवा वर्षाजल पर निर्भर हैं अतः प्रदेश के किसानो को हरेली के दौरान अच्छी वर्षा की उम्मीद होती हैं। इन्ही उम्मीदों के साथ वे अपने इष्ट देवों की आराधना करते हैं।

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लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown