किसानों को होगा फायदा ही फायदा, ईनाम जल्द ही जोड़ने जा रहा है एक हजार नई मंडियां

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  • Publish Date - April 13, 2022 / 06:32 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:50 PM IST

नईदिल्ली

बीते 6 सालों से कृषि उत्पादों के ईट्रेडिंग में लगे भारत सरकार के उपक्रम ईनाम ने अपने समय की उपलब्धियों को किसानों और व्यापारियों के साथ साझा किया है। 14 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री ने इस पोर्टल को लोकार्पित किया था। तब से लेकर अब तक इसके माध्यम से अनेक उत्पादकों और खरीदारों के बीच विनिमय हो चुका है। ईनाम ने जारी आंकड़ों में बताया कि संस्था ने इस दौरान 18 राज्यों  और 3 केंद्र शासित प्रदेशों की एक हजार से अधिक कृषि उपज मंडियों को एकीकृत किया है। ईनाम में देशभर के एक करोड़ 73 लाख से अधिक किसान, 2 लाख से अधिक अनाज व्यावसायी और 2 हजार एपीओ पंजीकृत हैं। इसमें 175 अनाज में यह ट्रेडिंग करवाता है। ईनाम ने अपने छह वर्षों में 1.87 लाख करोड़ रुपए का कारोबार किया  है। ईनाम ने घोषणा की है कि वह आगामी वर्षों में एक हजार और मंडियों को अपनी सेवाओं में जोड़ेगा।

ईनाम के जरिए होता है मंडियों  में सारा काम

जानकारी के मुताबिक भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अधीन काम करने वाली लघु किसान कृषि व्यवसाय संघ (एसएफएसी) के बैनर तले काम करने वाली ईनाम संस्था ही देशभर में मंडियों का संचालन करती है। किसानों को ईभुगतान से लेकर हर तरह के तकनीकी सहयोग के लिए भी यह संस्था सतत काम करती है।

एक हजार मंडिया और जुड़ेंगी

ईनाम ने जारी आंकड़ों में बताया है  कि वह अगले वर्षों में  अपने नेतवर्क के साथ देश की एक हजार और कृषि  उपज मंडियों को जोड़ने जा रहे हैं। इसके लिए तकनीकी रोडमैप बनाया जा रहा है।

वर्जन

संस्था ने बीते 3 वर्षों में अपनी गतिविधियों को नया आयाम दिया है। अपनी पहुंच को विस्तार दिया है और कृषक व व्यापारी के बीच में भारत सरकार की मंशा के अनुरूप पारदर्शिता को महत्व दिया है।

नीलकमल दरबारी, एमडी, एसएएफसी