CG Ki Baat: गौमांस को कहा ना..तो पौनी पसारी बंद! पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए क्या त्वरित कार्रवाई होगी ?

CG Ki Baat: गौमांस को कहा ना..तो पौनी पसारी बंद! पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए क्या त्वरित कार्रवाई होगी ?

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  • Publish Date - May 31, 2025 / 11:59 PM IST,
    Updated On - June 1, 2025 / 12:01 AM IST

CG Ki Baat/ Image Credit: IBC24

रायपुर। CG Ki Baat:  दंतेवाड़ा जिले का एक गांव का परिवार का सामाजिक बहिष्कार की वजह गौमांस खाने से मना करना। इंकार की वजह परिवार के सनातनी संस्कार सुनकर हैरत होती है कि, बस्तर के एक आदिवासी परिवार को सनातनी संस्कारों की वजह से ऐसी प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। हद ये है कि, प्रताड़ना देने वाले भी गांव के ही लोग हैं, फर्क केवल इतना है कि अब वो आदिम संस्कार छोड़कर धर्मांतरित हो चुके हैं। धर्मांतरण कर चुके लोगों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, जिसका पोस्ट इफेक्ट ये है कि वो गांव में आदिम संस्कारों का पालन करने वाले परिवार के खिलाफ हो गए। मामला बेहद गंभीर है, सवाल बड़े हैं क्योंकि प्रदेश में सनातन को आदर्श मानने वाली सरकार है। सबसे बड़ा सवाल ये कि हमेशा से सहिष्णु रहे बस्तर में ऐसी कट्टरता कहां से आई ?

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आदिवासी बहुल राज्य छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा के बड़े कमेली के तामो परिवार को मार-पीट कर गांव से बाहर कर दिया गया। उनका हुक्का-पानी बंद कर दिया गया वो भी सिर्फ इसीलिए क्योंकि उन्होंने दबंगों के आदेश पर गौमांस नहीं खाया। पीड़ित परिवार इतना सहमा हुआ है कि अपने ही घर, अपने ही गांव को छोड़ कर 3 दिनों से दंतेवाड़ा में शरण लिए हुए है।

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अश्चर्य की बात ये है कि इस केस में अभी तक ना तो कोई केस दर्ज हुआ है और ना ही पूछताछ, उससे भी बड़ी बात ये कि ये सब कुछ इलाके में धर्मांतरण करने के लिए दबाव बनाने के तौर पर सामने आ रहा है जाहिर है ये सबकुछ उस बस्तर में हो रहा है जहां विपक्ष बार-बार जल जंगल जमीन और आदिवासी संस्कृति पर खतरे की दुहाई देता रहा है सो विपक्ष ने सीधे-सीधे इसे शासन-प्रशासन का फेलुअर बताते हुए, सरकार को जमकर घेरा तो दूसरी ओर सत्तापक्ष इसपर सफाई की मुद्रा में है।

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 CG Ki Baat:  तो बस्तर में आदिवासियों पर ज्यादती होना वो भी धर्म बदलने का दबाव बनाने के लिए दुर्भाग्यजनक और बेहद खतरनाक है क्योंकि प्रदेश की सरकार का बार-बार दावा है कि धर्मांतरण को लेकर वो बेहद सख्त हैं , इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाता, तो फिर सवाल उठता है किसी परिवार पर ऐसी ज्यादती की हिम्मत कहां से आ रही है, किसका हाथ है इसके पीछे, किसकी शह है…ऐसा केवल एक परिवार है या फिर इलाके में ये खेल बेधड़क जारी है ?