Jhiram Ghati Naxal Attack: झीरम के 11 साल... अब तक अनसुलझे कई सवाल, आखिर कब बेनकाब होगी साजिश ? |Jhiram Ghati Naxal Attack

Jhiram Ghati Naxal Attack: झीरम के 11 साल… अब तक अनसुलझे कई सवाल, आखिर कब बेनकाब होगी साजिश ?

Jhiram Ghati Naxal Attack: झीरम के 11 साल... अब तक अनसुलझे कई सवाल, आखिर कब बेनकाब होगी साजिश? Jhiram Ghati Kand

Edited By :   Modified Date:  May 25, 2024 / 09:57 PM IST, Published Date : May 25, 2024/9:57 pm IST

Jhiram Ghati Naxal Attack: रायपुर। 25 मई 2023 की ढलती दोपहरी एक नक्सली करतूत की एक ऐसी खबर आई जो रात घिरते-घिरते बड़ी वारदात में बदली और रात जाते-जाते ये साफ हो गया है कि ये इतिहास का सबसे बड़ा नक्सल हमला है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं समेत 32 लोगों की शहादत के बाद से आज 11 बरस बात तक हर साल, हर बार कुछ कसमें खाईं जारी हैं, कुछ आरोप सुनाई पड़ते हैं। इस बरसी पर भी सियासी आरोपों की झड़ी लगी है, लेकिन एक सवाल का जवाब किसी के पास नहीं, झीरम के पीछे की साजिश कब बेनकाब होगी?

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25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ की झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर नक्सलियों ने खौफनाक हमला किया, जिसमें तत्कालीन PCC चीफ नंद कुमार पटेल समेत कांग्रेस की पहली पंग्ति के कई दिग्गज नेताओं समेत 32 लोग शहीद हो गए थे। उस हमले में भयानक तस्वीरें, वो खौफनाक मंजर और हर घंटे गंभीर होते हालात आज भी प्रदेश के जेहन में ताजा हैं। झीरम कांड को 11 बरस बीत गए, पर इंसाफ अधूरा है। न्याय की आस में पीड़ितों का इंतजार अब भी जारी है, पर हर बरसी की तरह सियासी तकरार का दस्तूर भी जारी है।

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कांग्रेस का आरोप है कि झीरम की जांच से बीजेपी घबराती है, सच सामने आने से डरती है, अड़ंगे लगाती है तो बीजेपी ने याद दिलाया 5 साल की अपनी सरकार के समय कांग्रेस अपने लोगों को इंसाफ क्यों ना दिला पाई, जांच पूरी क्यों ना करा पाई। झीरम हमले में अपने पिता और भाई को खोने वाले पूर्व मंत्री उमेश पटेल का आरोप है कि, कांग्रेस सरकार ने झीरम कांड के षड़यंत्र का पता लगाने SIT बनाई। लेकिन, बीजेपी ने जांच में अड़चने डाली, अब तो सब क्लीयर है, अब जांच क्यों नहीं पूरी करते। सवाल इधर से भी पूछा जा रहा है। पूर्व CM जेब में सुबूत लिए घूमते रहे, क्यों बाहर नहीं लाए। साथ ही दावा भी किया हम जुगत लगा रहे हैं कागज बाहर लाने की।

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Jhiram Ghati Naxal Attack: कुल मिलाकर झीरम कांड में इस बरसी पर भी जांच आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने का चैलेंज, जेब से सुबूत बाहर निकालने की चुनौती, SIT जांच में अड़ंगा लगाने का आरोप, कांग्रेसी खेमे के पूर्व मंत्री की भूमिका पर संदेह और भय छोड़कर सच सामने लाने की ललकार वाले बयान गूंजे हैं, लेकिन पीड़ितों को, प्रदेश को सबको इंतजार है तो उस षड़यंत्र के पर्दाफाश का जिसके चलते इतना बड़ा झीरम कांड हुआ। ये इंतजार कब खत्म होगा, इसका जवाब आज भी किसी के पास नहीं दिखता।

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