59th Jnanpith Award: छग के किसी साहित्यकार को पहली बार ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’.. कवि और लेखक विनोद कुमार शुक्ल ने बढ़ाया प्रदेश का मान..
ज्ञानपीठ पुरस्कार किसी भी लेखक के लिए एक बड़ी उपलब्धि होती है। यह पुरस्कार उन साहित्यकारों को दिया जाता है, जिन्होंने भारतीय भाषाओं में साहित्य को समृद्ध किया है।
Jnanpith Award to Vinod Kumar Shukla | IBC24 news File
- विनोद कुमार शुक्ल को मिला ज्ञानपीठ पुरस्कार – हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित लेखक को भारतीय साहित्य का सर्वोच्च सम्मान प्रदान किया जाएगा।
- ‘नौकर की कमीज’ और ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ जैसी रचनाओं के रचयिता – आम आदमी के अनुभवों को सहज भाषा में प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं।
- पहले भी कई बड़े सम्मान प्राप्त – साहित्य अकादमी पुरस्कार और 2022 में 'पेन अमेरिका नाबोकॉव अवार्ड' से हुए सम्मानित।
Jnanpith Award to Vinod Kumar Shukla: रायपुर: हिंदी साहित्य के जाने-माने कवि और लेखक विनोद कुमार शुक्ल को इस साल का ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जाएगा। यह भारतीय साहित्य का सबसे बड़ा सम्मान है, जो भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट साहित्य रचने वाले लेखकों को प्रदान किया जाता है।
साहित्य में विनोद कुमार शुक्ल का योगदान
विनोद कुमार शुक्ल की लेखनी ने हिंदी साहित्य में एक नया आयाम जोड़ा है। उनकी रचनाएँ आम आदमी की भावनाओं, जीवन के छोटे-बड़े अनुभवों और सहज भाषा शैली के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने कविता, उपन्यास और कहानियों के माध्यम से समाज की छोटी-छोटी बातों को बड़ी खूबसूरती से प्रस्तुत किया है। उनकी प्रसिद्ध कृतियों में ‘नौकर की कमीज’ और ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ शामिल हैं। ये रचनाएँ गहरी संवेदनशीलता और सरलता से भरपूर हैं और पाठकों को सोचने पर मजबूर कर देती हैं।
पहले भी मिल चुके हैं कई बड़े सम्मान
Jnanpith Award to Vinod Kumar Shukla: विनोद कुमार शुक्ल को इससे पहले भी कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिल चुका है, जो भारतीय साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लेखकों को दिया जाता है। इसके अलावा, साल 2022 में उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘पेन अमेरिका नाबोकॉव अवार्ड’ से सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार दुनियाभर के बेहतरीन लेखकों को उनकी अनूठी लेखनी के लिए दिया जाता है।
हिंदी साहित्य के लिए गर्व की बात
ज्ञानपीठ पुरस्कार किसी भी लेखक के लिए एक बड़ी उपलब्धि होती है। यह पुरस्कार उन साहित्यकारों को दिया जाता है, जिन्होंने भारतीय भाषाओं में साहित्य को समृद्ध किया है। विनोद कुमार शुक्ल को यह सम्मान मिलना हिंदी साहित्य के लिए भी गर्व की बात है। उनकी रचनाएँ आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेंगी और साहित्य प्रेमियों के बीच हमेशा जीवंत रहेंगी।
सीएम साय ने दी बधाई
इस मुके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव से ने सोशल मीडिया पर लिखा, “”देश के लब्धप्रतिष्ठ उपन्यासकार–कवि आदरणीय विनोद कुमार शुक्ल जी को प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने का समाचार प्राप्त हुआ है। यह छत्तीसगढ़ के लिये गौरव की बात है। आदरणीय शुक्ल जी को अशेष बधाई। उन्होंने एक बार पुनः छत्तीसगढ़ को भारत के साहित्यिक पटल पर गौरवान्वित होने का अवसर दिया है। शुक्ल जी के सुदीर्घ और स्वस्थ जीवन की कामना।”
देश के लब्धप्रतिष्ठ उपन्यासकार–कवि आदरणीय विनोद कुमार शुक्ल जी को प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने का समाचार प्राप्त हुआ है। यह छत्तीसगढ़ के लिये गौरव की बात है। आदरणीय शुक्ल जी को अशेष बधाई। उन्होंने एक बार पुनः छत्तीसगढ़ को भारत के साहित्यिक पटल पर गौरवान्वित… pic.twitter.com/yFjGGPLS2j
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) March 22, 2025
पूर्व सीएम भूपेश की शुभकामनायें
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने ”एक्स” पर लिखा, “छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि, कथाकार एवं उपन्यासकार श्री विनोद कुमार शुक्ल जी को भारतीय साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा हम सभी छत्तीगढ़वासियों के लिए बेहद गर्व का पल है. विनोद शुक्ल जी को ज्ञानपीठ पुरस्कार हेतु हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. आप स्वस्थ रहें और सतत रचनाशील रहें.”
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि, कथाकार एवं उपन्यासकार श्री विनोद कुमार शुक्ल जी को भारतीय साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा हम सभी छत्तीगढ़वासियों के लिए बेहद गर्व का पल है.
विनोद शुक्ल जी को ज्ञानपीठ पुरस्कार हेतु हार्दिक बधाई एवं…
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 22, 2025

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